प्राइवेट कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कोऑपरेशन लिमिटेड (DHFL) पर 31 हजार करोड़ से ज्यादा की हेराफेरी का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि DHFL ने यह हेराफेरी अपनी उन तीन शेल कंपनियों के ज़रिए की है जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को तकरीबन 20 करोड़ रुपए का चंदा दिया है।

इस बात का ख़ुलासा खोजी पत्रकारिता करने वाली न्यूज़ वेबसाइट कोबरापोस्ट ने 29 जनवरी को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए किया। कोबरापोस्ट के मुताबिक, DHFL ने कई शेल कंपनियों को करोड़ों रुपये का लोन दिया और फिर वही रुपया वापस उन्हीं कंपनियों के पास आ गया जिनके मालिक डीएचएफएल के प्रमोटर हैं।

DHFL से जुड़ी जिन तीन शेल कंपनियों पर हेराफेरी करने के आरोप लगे हैं उनके नाम आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स, स्किल रियल्टर्स और दर्शन डेवलपर्स हैं। दावा किया जा रहा है कि इन शेल कंपनियों ने 2014 से 2017 के बीच अवैध रूप से भाजपा को लगभग 20 करोड़ रुपये का चंदा दिया।

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कोबरापोस्ट ने दावा किया कि भारतीय चुनाव आयोग को दिए गए भाजपा के दस्तावेजों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2014-17 के दौरान आरकेडब्ल्यू, दर्शन और स्किल रियल्टर्स ने भाजपा को लगभग 20 करोड़ रुपये का दान दिया था, जो कि कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 182 का उल्लंघन है।

धारा 182 कंपनियों द्वारा राजनीतिक योगदान पर प्रतिबंधों से संबंधित है। इसमें कहा गया है कि एक कंपनी तीन पूर्ववर्ती वित्तीय वर्षों के दौरान अर्जित औसत शुद्ध लाभ का 7.5 प्रतिशत तक ही चंदा राजनीतिक दलों को दे सकती है।

वित्तीय वर्ष 2014-15 में आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स ने बीजेपी को 10 करोड़ रुपये का योगदान दिया, जबकि इस कंपनी को वित्तीय वर्ष 2012-13 में लगभग 25 लाख रुपये का नुकसान हुआ और पूर्ववर्ती तीन साल में औसतन 18 लाख रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।

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इसी तरह, कोबरापोस्ट की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि स्किल रियल्टर्स ने 2014-15 में बीजेपी को 2 करोड़ रुपये का चंदा दिया, उस वित्तीय वर्ष में इस कंपनी को केवल 27,000 रुपये का लाभ हुआ था और पूर्ववर्ती तीन साल में औसतन लगभग 4,500 रुपये का लाभ हुआ था।

2016-17 में दर्शन डेवलपर्स ने कंपनी अधिनियम का उल्लंघन करते हुए 7.5 करोड़ रुपये का योगदान दिया। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2013-14 में 5.13 लाख रुपये और 2014-15 में 4,650 रुपये के लगातार घाटे की सूचना दी थी।

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