बुलंदशहर में हुई हिंसा पर सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार के ढुलमुल रवैये पर यूपी के पूर्व नौकरशाहों ने नाराज़गी जताई है। सूबे के 83 पूर्व अफ़सरों ने खुला ख़त लिखकर सीएम योगी आदित्यनाथ से इस्तीफ़े की मांग की है।

इसके साथ ही पूर्व नौकरशाहों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से बुलंदशहर घटना को संज्ञान में लेने और इसकी जाँच कराए जाने की अपील की है।

सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस ख़त में पूर्व नौकरशाहों का कहना है कि, ‘योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया, वो सिर्फ़ गोकशी पर ध्यान दे रहे हैं’

योगी को तेजस्वी ने दी चेतावनी- हमारे बिहार में ‘ज़हर’ मत उगलना, यहां ‘गुंडागर्दी’ नहीं चलेगी

सीएम योगी से इस्तीफ़ा मांगने वालों पूर्व नौकरशाहों में जे. एल, बजाज, बृजेश कुमार, सुनील मित्रा जैसे बड़े नाम शामिल हैं। वायरल ख़त में ये दावा किया गया है कि 83 पूर्व अफ़सर इनके साथ हैं।

क्या है बुलंदशहर मामला-

बीते 3 दिसम्बर को बुलंदशहर के में गोकशी की ख़बर के बाद बड़ी तादाद में इकट्ठा हुई भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया था। हिंसक भीड़ ने थाना स्याना पर हमला कर दिया और इसी हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी।

जिसका मुख्य आरोपी बजरंग दल का ज़िला संयोजक योगेश राज अब भी पुलिस की गिरफ़्त से बाहर है। हालांकि वो सोशल मीडिया पर अक्सर नज़र आता है।

बुलंदशहर हिंसा में मरने और मारने वाले दोनों हिंदू थे, अब बताओ हिंदुओं को किससे ख़तरा हैः हार्दिक पटेल

घटना की शुरुआत से ही योगी सरकार पर मामले में असंवेदशीलता बरतने का आरोप लगता रहा है।

बुलंदशहर हिंसा के बाद सीएम योगी ने आला अफ़सरों के साथ बैठक की थी जिसमें उनका सारा ध्यान गोकशी पर था। इस बैठक से सुबोध कुमार की शहादत की ज़िक्र नदारद था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here