
मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में संतों ने मुख्यमंत्री शिवराज की मुश्किलें बढ़ा दी है। इसी को लेकर संत समाज ने रीवा में हजारों की संख्या में शिवराज के खिलाफ मार्च निकाला।
जिसमें उन लोगों ने बीजेपी को वोट न देने की अपील की है। साथ ये भी संदेश देने की कोशिश की है जो संत पहले शिवराज के पक्ष में थे वो अब उनके विरोध में खड़े नज़र आ रहें है।
चुनाव के दौरान हुए शिवराज के खिलाफ इसे मार्च पर कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने प्रतिकिर्या दी है। संत भी समझ गए हैं ये बीजेपी और संघ वाले राम के नहीं बल्कि नाथूराम के भक्त है।
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सन्त भी समझ गये है ये @BJP4India @RSSorg वाले राम के नही नाथूराम के भक्त है ? https://t.co/RRAkNNaYAz
— Akhilesh P. Singh (@AkhileshPSingh) November 11, 2018
गौरतलब हो कि इस मार्च में राज्यमंत्री का दर्जा ठुकरा चुके संत समागम ने निकाला था उन्होंने कहा कि हम ऐसी सरकार को नहीं रहने देंगे।
साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगले पांच साल जो भी सरकार होगी हम उसे भी देखेंगें और अगर वो भी इसी राह पर चली तो उसे भी नहीं छोड़ेंगें।
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उन्होंने कहा कि हमने जैसे शिवराज की सरकार बनवाई वैसे ही हम संत मिलकर उसे विदा भी कर सकते है।
बता दें कि मध्यप्रदेश में 230 विधानसभा सीट पर इसी 27 नवंबर को मतदान होने है। अब ऐसे में संतों का विरोध सीएम शिवराज को भारी पड़ सकता है क्योंकि पहले से ही शिवराज का बाबा को राज्यमंत्री बनाए जाने पर किरकिरी हुई थी ऐसे में अब वही संत समाज बीजेपी के खिलाफ नज़र आ रहा है।