उत्तर प्रदेश में भीड़ इतनी बेख़ौफ हो चुकी है कि वह अब कानून के रखवालों की जान ले रही है। बुलंदशहर में इस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या के बाद अब भीड़ ने गाज़ीपुर में एक पुलिसकर्मी को बेरहमी से पीट-पीट कर मार डाला।

मामला गाजीपुर के नौनेरा इलाके का है। जहां पत्थरबाजी की घटना में एक पुलिस कॉन्स्टेबल सुरेश वत्स शहीद हो गए। हिंसा का आरोप निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लग रहा है।

दरअसल, निषाद पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के कार्यकर्ता शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली का विरोध कर रहे थे। लेकिन जब पुलिस ने उन्हें विरोध करने रोका तो कथित तौर पर कार्यकर्ता भड़क गए और पुलिस पर पथराव करने लगे।

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इस पत्थरबाजी में कांस्टेबल सुरेश वत्स घायल हो गए। जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। बता दें कि इससे पहले बुलंदशहर के स्याना में इंस्पेक्टर सुबोध की भीड़ ने हत्या कर दी थी।

एक ही महीने में भीड़ द्वारा दो पुलिसकर्मियों की हत्या पर विपक्ष ने सूबे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। विपक्ष का कहना है कि सीएम योगी से सूबे की कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही।

आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा ने तो सूबे में कानून व्यवस्था कायम करने के लिए सेना की तैनाती की मांग तक कर डाली।

उन्होंने कहा कि जब कश्मीर के पत्थरबाजों से निपटने के लिये सेना बुलाई जा सकती है तो फिर यूपी के पत्थरबाज़ों के लिए क्यों नहीं?

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उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “अब देखना होगा कि क्या मोदी सरकार जैसे कश्मीर के पत्थरबाजों से निपटने के लिये सेना को बुलाती है, ठीक उसी तरह अब उत्तर प्रदेश के पत्थरबाजों से निपटने के लिये भी सेना को बुलाती है या नही? अब तक 2 पुलिस के जवान इन पत्थरबाजों के हाथों अपनी जान गवा चुके हैं”।

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