अलीगढ़ में भाजपा की ‘जन विश्वास यात्रा’ की जनसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ”समाजवादी पार्टी तीन P(पी) के आधार पर चलती थी। परिवारवाद, पक्षपात, और पलायन। भाजपा तीन V(वी) के आधार पर चलती है। विकास, व्यापार और सांस्कृतिक विरासत। योगी जी के राज में कोई बाहुबली नहीं दिखता है केवल बजरंगबली दिखाई देते हैं”

 

अमित शाह का ये पूरा बयान सिवाय चुनावी गल्प के और कुछ नहीं है। समाजवादी पार्टी पर जिस तीन P(पी) का आरोप अमित शाह लगा रहे हैं वो तीनों P(पी) भाजपा में भी मौजूद है।

परिवारवाद-  पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण, रविशंकर प्रसाद, धर्मेंद्र प्रधान, विजय गोयल, किरण रिजिजू, राजनाथ सिंह, नरेंद्र सिंह तोमर… ये सभी भाजपा नेता मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं और राजनीतिक परिवार से आते हैं।

पक्षपात- अन्य राजनीतिक दलों की तरह ही भाजपा भी अपने नेताओं के तमाम कुकर्मों और अपराधों को ढ़कने का काम करती है। गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी, पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, यूपी के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी आदि इसके ताजा उदाहरण हैं।

पलायन- कम से कम पलायन की बात तो भाजपा को नहीं ही करनी चाहिए। जनवरी 1990 में जब कश्मीरी पंडितों को कश्मीर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था, तब भाजपा द्वारा समर्थित केंद्र में वीपी सिंह की सरकार थी और जम्मू-कश्मीर में गवर्नर रूल था। उस वक़्त जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे जगमोहन। ये बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे। ऐसा कहा जाता है कि जगमोहन सिंह को अटल बिहारी वाजपेयी की सिफारिश पर ही राज्यपाल बनाया गया था।

चलिए ये तो पुरानी बात हो गई। ताजा आंकड़ा ये है कि मोदी सरकार में भारतीय नागरिक तेजी से विदेश की ओर पलायन कर रहे हैं। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक ही, 2017 से अब तक 6 लाख से अधिक लोगों ने दूसरे देशों के लिए भारत की नागरिकता छोड़ दी है।

जहां तक बाहुबली और बजरंगबली की बात है तो फिलहाल केंद्र में सबसे अधिक दागी सांसद भाजपा के हैं। भारतीय जनता पार्टी के 339 सांसदों में से 107 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिनमें से 64 के खिलाफ संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं।

उत्तर प्रदेश में तो भाजपा के एक बाहुबली सांसद लगातार नाम रोशन कर रहे हैं। नाम है- अजय मिश्रा टेनी। रिकॉर्ड के हिसाब से अपराध के शहंशाह हैं। मोदी सरकार में गृह राज्य मंत्री के पद पर भी हैं। बेटे आशीष मिश्रा मोनू पर हत्या का प्रयास और आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज है। टेनी खुद आए दिन पत्रकारों और किसानों को धमकाते रहते हैं।

आंकड़ों की बात करें तो… NCRB-2020 का आंकड़ा कहता है कि उत्तर प्रदेश हत्या के मामले में देश का नंबर-1 राज्य है। रिपोर्ट की माने तो साल 2020 में देश में कुल 29,193 मर्डर हुए, जिसमें से अकेले सिर्फ उत्तर प्रदेश में 3,779 हत्याएं हुईं। 2019 की तुलना में ये आंकड़ा ज्यादा है।

हिरासत में सबसे ज्यादा मौत भी उत्तर प्रदेश में ही हो रही है। यूपी में पिछले तीन साल में 1,318 लोगों की पुलिस और न्यायिक हिरासत में मौत हुई है। एनएचआरसी के आंकड़ों से पता चलता है कि देश में हुई हिरासत में मौत के मामलों का करीब 23% उत्तर प्रदेश के हिस्से जाता है।

क्या इन आकंड़ों और तथ्यों के सामने गृहमंत्री अमित शाह का बयान कहीं टिकता है? इतने ठोस आंकड़ों के सार्वजनिक होने के बावजूद अमित शाह मंच से झूठ कैसे बोल पा रहे हैं? क्या ऐसा वो अपनी मजबूत आईटी सेल और गुलाम मीडिया के सहारे कर पा रहे हैं?

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