राजनीति और निजी ज़िंदगी दोनों में ही सबसे महत्वपूर्ण होती है ‘भाषा’। जिससे लोग जुड़ते है चाहे वो किसी प्रकार की हो। मगर जब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह राजस्थान की चुनावी जनसभा में पहुंचे तो वो भूल गए की उन्हें किसी व्यक्ति से क्या बोलना चाहिए, भले वो बैठने के लिए ही क्यों न बोलें ।

अमित शाह आग्रह करने के बजाय बदतमीजी से बात करते हुए नज़र आए और पुलिसकर्मी पर भड़क गए ।

जिस पुलिस के हाथ उनकी जनसभा की सुरक्षा है उसे डांट लगा देना, उसका अपमान है। दरअसल अमित शाह उस वक़्त कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोल रहे थे। तभी कुछ मीडियाकर्मी और पुलिसकर्मी अपनी जगह से खड़े होने लगे।

ये देख अमित शाह भड़क उठे और उन्होंने मंच से डांट लगाते हुए कहा कि अपनी सीट पर बैठ जाएं। मैं अपनी जगह पर ही खड़ा रहूंगा।

अमित शाह बोले- शिवराज सरकार में राज्य की स्थिति बेहद ख़राब, क्या कांग्रेस के लिए प्रचार कर रहे हैं शाह?

इस दौरान उन्होंने पुलिस कर्मी को भी डांटते हुए बैठने के लिए कहा। पुलिसकर्मी को डांटते हुए शाह ने कहा कि ओए पुलिस वाले ओेए बैठ जाओ नीचे।

ये भाषा एक पार्टी देश की सत्ता चलाने वाली पार्टी के अध्यक्ष की है जिन्हें ये नहीं पता की एक पुलिस वाले से कैसे पेश आना चाहिए। शाह को ये पता होना चाहिए था की वो पुलिस वाला उनकी और लोगों की सुरक्षा में लगा है वो उनका निजी सुरक्षाकर्मी नहीं है।

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