रक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट से इस बात का ख़ुलासा हुआ है कि राफेल डील में प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप की वजह से देश को हज़ारों करोड़ का नुकसान हुआ है। इसपर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने ट्विटर के ज़रिए कहा, “जिस तरह सीबीआई ने मेरे दफ्तर एवं आवास और कोलकाता पुलिस कमिश्नर के यहां छापे मारे, उसी तरह राफेल पर आज के ख़ुलासे के मद्देनजर सीबीआई को प्रधानमंत्री कार्यालय पर छापेमारी कर राफेल से जुड़ी फाइलों को ज़ब्त और गिरफ्तारी करनी चाहिए”।

अंग्रेज़ी अखबार ‘द हिन्दू’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नवम्बर 2015 में रक्षा मंत्रालय की एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत की ओर से राफेल डील में प्रधानमंत्री कार्यकाल हस्तक्षेप कर रहा है और डील की बातचीत में सीधे तौर पर शामिल है। दूसरी तरफ फ़्रांस से इस मामले में उनकी विशेष रक्षा समिति शामिल है।

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रिपोर्ट में बताया गया है कि पहले तो PMO (प्रधानमंत्री कार्यकाल) को इस मामले में दखल देने का अधिकार नहीं है और दूसरा वो इस मामले में विशेषज्ञ नहीं है, इस कारण डील में भारत को बड़ा नुकसान हो सकता है।

रिपोर्ट में पहले ही संदेह जताया गया था कि पीमओ के हस्तक्षेप की वजह से भारत को बैंक गारंटी नहीं मिलेगी जिस कारण भविष्य में देश को इस डील से बड़ा नुकसान होगा।

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बाद में हुआ भी यही, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल दस्तावेजों में खुद बताया है कि इस डील में फ़्रांस की ओर से भारत को कोई बैंक गारंटी नहीं दी गई है। जिस समिति ने ये रिपोर्ट दी उसे राफेल मामले के लिए ही बनाया गया था। इसके अध्यक्ष वायु सेना के उप प्रमुख थे।

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