बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने CBI के तत्कालीन अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव को तलब किया है। सुप्रीम कोर्ट ने राव को फटकार लगाई है कि किस परिस्थिति में उन्होंने जांच अधिकारी का ट्रांसफर किया।

इसपर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीटर के ज़रिए कहा, “मोदी जी ने जिस राव को CBI चीफ़ बनाया था उसने मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह कांड में SC के आदेश की अनदेखी कर जाँच अधिकारी का ही तबादला कर दिया”।

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इसके साथ ही आप नेता ने इस मामले पर मीडिया की ख़ामोशी पर भी तंज़ कसा। उन्होंने कहा, “लेकिन पूरा TV का गोदी मीडिया मोदी जी के भाषण के गुणगान में व्यस्त रहा”।

ग़ौरतलब है कि पिछले साल अक्तूबर में CBI प्रमुख आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच उपजे विवाद के बाद तत्कालीन संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को केंद्र की मोदी सरकार ने अंतरिम निदेशक बनाया था।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि नागेश्वर राव ने कोर्ट के आदेश की अनदेखी कर मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में जांच अधिकारियों का ट्रांसफर किया। इस मामले में कोर्ट ने नागेश्वर राव को अवमानना का नोटिस भेजा है और 12 फरवरी को अपने समक्ष पेश होने को कहा है।

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क्या है मामला?

बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह में पिछले साल 34 लड़कियों के साथ रेप का मामला सामने आया था। इस कांड का खुलासा टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सांइसेज(टिस्स) की रिपोर्ट में हुआ था। इस मामले में सूबे की नीतीश सरकार पर भी गंभीर आरोप लगे थे।

जब सरकार पर विपक्षी पार्टियों और लोगों का दबाव बढ़ा तो इस मामले में CBI जांच की सिफारिश की गई। पिछले दिनों मुजफ्फरपुर के बालिका गृह से 15 साल की बच्ची का भी कंकाल मिला है। जिससे मामले में नया मोड़ आ गया है।

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