प्रचार के तमाम हथकंडों को अपनाने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपनी रैलियों में भीड़ जुटाने में नाकाम नज़र आ रही है। ताज़ा नज़ारा दिल्ली के रामलीला मैदान में बीजेपी यूथ विंग द्वारा आयोजित विजय संकल्प रैली में देखने को मिला। जहां एक बार फिर BJP नेताओं को खाली कुर्सियों से संबोधन करना पड़ा।

बीजेपी यूथ विंग द्वारा आयोजित विजय संकल्प रैली में दावा किया गया था कि हज़ारों की तादाद में युवाओं की भीड़ जुटेगी। दावे के मुताबिक ही कार्यक्रम में इंतेज़ाम भी किए गए थे।

ज़्यादा लोगों के आने की उम्मीद से कार्यक्रम में कुर्सियां भी ज़्यादा लगाई गईं थीं। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पिछली रैलियों की तरह ही बीजेपी की यह रैली भी फ्लॉप रही और पार्टी भीड़ जुटाने में नाकाम रही।

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के धारदार भाषण भी लोगों को आकर्षित करने में पूरी तरह नाकाम रहे। बीजेपी के लिए इससे भी ज़्यादा चिंता की बात तो यह रही कि कार्यक्रम में जितने लोग भी जुटे थे उनमें भी वो जोश देखने को नहीं मिला।

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पूरे कार्यक्रम में न तालियों की गड़गड़ाहट सुनाई दी और न ही नारों की गूंज। बीजेपी नेता विजय गोयल को तो मंच से ही तेज़ नारे लगाने की अपील तक करनी पड़ी।

इतना ही नहीं जो लोग कार्यक्रम में आए थे वो भी बीजेपी के घिसे-पिटे भाषण से ऊबकर रैली खत्म होने से पहले ही वहां से जाने लगे। इसपर मनोज तिवारी ने मंच से ही चिंता भी जताई और जाने वाले लोगों से शिकवा भी ज़ाहिर किया। हालांकि इसके बावजूद वो लोगों को रोकने में नाकाम रहे।

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बीजेपी की इस हालत पर आम आदमी पार्टी (आप) ने तंज़ कसा है। आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर लिखा, “भाजपा की बड़ी बड़ी रैलियों में भीड़ नहीं जुट रही, लोग पैसा लेकर भी आना नहीं चाहते। ज़्यादा मार्केटिंग से डायबिटीज हो गई”।

बता दें कि इससे पहले भी बीजेपी की कई रैलियों में भीड़ न जुटने की बात सामने आ चुकी है। पंजाब, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश की रैलियां इनमें प्रमुख हैं।

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