पांच राज्यों में मिली बीजेपी की हार पर विपक्षी दलों के साथ साथ BJP के अपने नेताओं के विरोधी सुर उठने लगे है।
पाटीदार आंदोलन में हार्दिक पटेल से अलग होकर BJP में शामिल होने वाली रेशमा पटेल ने हार के बाद सोशल मीडिया पर जो लिखा वो हैरान करने वाला है।
रेशमा ने कहा कि यह आत्मविश्वास की हार नहीं हैं यह अभिमान की हार है। जनता का एक एक आंसू हुकूमत के लिए खतरा है यह मत भूलो। जय हिंद।
इसके बाद रेशमा ने एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा कि ये आत्मविश्वास की हार नहीं अहंकार की है।
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रेशमा पटेल ने अमित शाह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वो किसी भी कार्यकर्ता की नहीं सुनते है और इतना घमंड रहते है की वही सरकार चला रहें है।
उन्होंने कहा कि हम पाटीदार आंदोलन से आए थे हमारी मांग थी कि शहीद परिवार को नौकरी दी जाये मगर आज एक साल होने को आए मगर किसी को नौकरी नहीं मिली।
रेशमा ने कहा कि मैं नौकरी के बारे में बार बार याद दिलाती रहती हूँ, पत्र लिखती हूँ मगर फिर कोई जवाब नहीं आता हमें हर बार वादा किया जाता है मगर हमारे वादे को पूरा नहीं किया जाता है।
रेशमा ने कहा कि हम जिस समाज से आते है वहां के प्रति भी हमारी जवाबदेही है हम राजनीति में सिर्फ पक्ष की वाह वाही करने के लिए नहीं है मैंने फिर पत्र लिखा है सरकार को और हम आगे भी अपनी मांगों को लेकर बोलते रहेंगें, और बीजेपी के लिए तबतक प्रचार करने नहीं जायेंगें जबतक हमारी मांगें नहीं पूरी हो जाती है।