
नोटबंदी से किसानों पर हुए बुरे प्रभावों को लेकर सरकार को आईना दिखाने वाली कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के अंश को ट्वीटर पर शेयर करने के खिलाफ भाजपा सांसद ने समिति अध्यक्ष वीरप्पा मोइली की शिकायत लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से शिकायत कर दी है।
ध्यान रहे कि पहले से ही इस समिति में शामिल भाजपा सांसदों ने इस समिति की रिपोर्ट को स्वीकार करने से रोक रखा है। इस समिति में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी शामिल हैं।
लेकिन इस समिति में कुल 31 सदस्य हैं और इसमें बीजेपी सांसदों का बहुमत है। अब समिति अध्यक्ष द्वारा समिति से जुड़े तथ्यों को ट्विटर पर शेयर करने के खिलाफ बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से शिकायत की है।
निशिकांत दुबे का आरोप है कि मोइली ने संसदीय समिति से संबंधित बातों को ट्विटर पर सार्वजनिक किया है। यह नियमों के खिलाफ है। इसलिए मोइली पर कार्रवाई होनी चाहिए।
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आपको बता दें कि कृषि मंत्रालय ने समिति के सामने नोटबंदी से जुड़ी रिपोर्ट सौंपी थी इस रिपोर्ट में किसानों पर नोटबंदी का बुरा असर पड़ने की बात को स्वीकार करते हुए कई बाते कहीं गई हैं।
कृषि मंत्रालय ने अपनी इस रिपोर्ट में माना है कि नोटबंदी ऐसे समय पर की गई जब किसान अपनी खरीफ फसलों की बिक्री और रबी फसलों की बुवाई में लगे हुए थे। इन दोनों कामों के लिए भारी मात्रा में कैश की जरूरत थी लेकिन नोटबंदी की वजह से सारा कैश बाजार से खत्म हो गया था।
साथ ही मंत्रालय ने माना है कि ‘भारत के 26.3 करोड़ किसान ज्यादातर कैश अर्थव्यवस्था पर निर्भर हैं। इसकी वजह से रबी फसलों के लिए लाखों किसान बीज और खाद नहीं खरीद पाए थे। यहां तक कि बड़े जमींदारों को भी किसानों को मजदूरी देने और खेती के लिए चीजें खरीदने में समस्याओं का सामना करना पड़ा था।’
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मंत्रालय के अनुसार कैस की कमी की वजह से राष्ट्रीय बीज निगम भी लगभग 1.38 लाख क्विंटल गेंहू के बीज नहीं बेच पाया था। साथ ही सरकार द्वारा 500 और 1000 के पुराने नोटों के बीच खरीद में अनुमति देने के बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ था।
पांच राज्यों के चुनावों के मध्यनज़र किसानों को लेकर इस समिति की रिपोर्ट सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है जो कि अपने प्रचार में किसानों की हलात को अपने शासन काल में बहतर बता रही है। सरकार नहीं चाहती है कि यह रिपोर्ट जनता के बीच में जाकर नोटबंदी के बुरे परिणामों को ओर पुख्ता करे।