
उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए से अलग होने के बाद रामविलास पासवान ने भी संकेत दिए थे कि उनकी पार्टी एनडीए का साथ छोड़ सकती है। इस ख़तरे को भांपते हुए अमित शाह पासवान को मनाने में जुट गए थे और उन्हें लोकसभा की 6 सीटें देकर मना भी लिया।
सूत्रों की मानें जो लोक जनशक्ति पार्टी इस शर्त पर 2019 लोकसभा चुनाव में BJP के साथ जाने को तैयार हुई है कि, चुनाव में पासवान के बेटे चिराग पासवान, दो भाइयों और पत्नी रीना को लोकसभा उम्मीदवार बनाएगी।
हैरान करने वाली बात ये है कि परिवारवाद की राजनीति करने के कांग्रेस, सपा, और राजद समेत दूसरी पार्टियों पर हमेशा हमलावर रही बीजेपी ने इसके सामने घुटने टेक दिए हैं।
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वो लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन की सहयोगी लोजपा को 6 सीटें देने को तैयार है। साथ ही इस बात के लिए भी तैयार है कि, 6 में से 4 सीटों पर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के परिवार के लोग चुनाव लड़ेंगे।
लोजपा के आगे बेबस BJP इस बात पर भी राज़ी है कि पासवान को असम से राज्यसभा भेजा जाएगा। यानी अब तक हाजीपुर से जीतते आएँ रामविलास पासवान अब असम से राज्यसभा के सांसद बनेंगे।
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हालांकि परिवार को मिलने वाले टिकट पर अभी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है और उसकी वजह है, और उसकी वजह है जदयू-भाजपा के बीच फंसा 9 सीटों का पेंच।
इसके अलावा 2014 में बिहार में 30 सीटों पर लड़ने वाली बीजेपी इस बार 17 सीटों पर ही लड़ेगी। यानी बिहार में अपने सहयोगियों के आगे वो कमज़ोर हो गई। बिहार की 40 सीटों में से अब बीजेपी-जदयू 17-17 और लोजपा 6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।