मोदी सरकार को सैनिकों का कितना ख़्याल है इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सियाचिन व लद्दाख में तैनात हमारे जवानों के पास ठंड से लड़ने के लिए न तो ढंग के जूते हैं और न ही ज़रूरी भोजन।
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के हवाले से बताया है कि, कैग की एओ रिपोर्ट लोकसभा में पेश की गई। इस रिपोर्ट में 2015-16 से 2017-18 के बीच सैनिकों के लिए जरूरी सामानों की भारी किल्लत है।
2015-16 और 2017-18 के दौरान कैग के ऑडिट रिपोर्ट में सीएजी ने सैनिकों के कपड़ों से लेकर जरूरी राशन तक की सप्लाई में देरी का उल्लेख किया है। ये वो सैनिक हैं जो सियाचिन और डोकलाम जैसी हड्डी जमा देने वाली बर्फीला सरहदों पर दिन रात पहरा देते हैं।
इधर गृहमंत्री शाहीन बाग पर वोट मांग रहे हैं उधर सियाचिन में जवान जूते-जैकेट और खाना मांग रहे हैं
इस सैनिकों के पास ईसीसीई यानी एक्ट्रीम कोल्ड क्लोथिंग एंड इक्विपमेंट के तहत सामानों की सप्लाई होती है, जिसमें खास तरह के जूते,जैकेट, दस्ताने और स्लीपिंग बैग शामिल हिट हैं।
सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें कई चीजों को जवान एक्सपायरी डेट के बाद भी इस्तेमाल कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सप्लाई में देरी की वजह से बेहद ठंडे इलाकों में तैनात सैनिकों को पुराने जूते फिर इस्तेमाल करने पड़े। ये खास तरह के जूते -55 डिग्री तापमान में सैनिकों को ठंड से बचाते हैं।
सरकार के पास 90,000 जवानों को वेतन देने के पैसे नहीं, लेकिन गृहमंत्री ‘हिंदू-मुस्लिम’ कर रहे हैं
CAG रिपोर्ट के इस खुलासे के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा- मोदी जी अपने कपड़ों, जूतों, चश्मों, मफलरो, खानो के अलावा थोड़ा सैनिको के जूतों, कपड़ों, खानो पर भी ध्यान दे दिया करे
मोदी जी अपने
कपड़ों,जूतों,चश्मों,मफलरो,खानो के अलावा
थोड़ा
सैनिको के जूतों,कपड़ों,खानो,पर भी ध्यान दे दिया करे । https://t.co/iFkjnhlDoZ— Akhilesh P. Singh (@AkhileshPSingh) February 4, 2020
वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने लिखा- सेना के नाम पर वोट खूब बटोरेंगे, पर जवानों की ज़रूरतों से मुँह मौड़ेंगे। कैग रिपोर्ट ने खोली भाजपा के झूठे राष्ट्रवाद की पोल- 1. 5 साल से सियाचिन में न ज़रूरी कपड़े, न उपकरण। 2. न स्नो गूगलस, न मास्क, न जूते। 3. न स्पेशल राशन, न सही रहने का इंतज़ाम।
आपको बता दे कि मोदी सरकार लगातार देश के सैनिकों की अनदेखी कर रही है। इससे पहले सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) के 94000 कर्मचारियों को वेतन और भत्ते देने के लिए भारी पैसे की कमी थी। इस बात से एसएसबी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को सूचित किया था मगर मंत्रालय ने इसे नजरअंदाज कर दिया था।