सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार के फैसले को निरस्त करते हुए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को बहाल कर दिया है। इसपर पंजाब के कांग्रेस विधायक अमरिंदर सिंह राजा ने प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कहा कि इस फैसले से यह साबित हो गया कि मोदी सरकार अपने फायदे के लिए ताकत का ग़लत इस्तेमाल कर रही है। 

कांग्रेस विधायक ने ट्विटर के ज़रिए कहा, “आज एक बार फिर भाजपा सरकार का सच जनता के सामने उजागर हो गया कि ये ‘ताना-शाह’ सरकार किस तरह संस्थाओं का दुरूपयोग अपने निजी फायदों के लिए करती है।

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जो नहीं झुकेगा, उसको हटा दिया जाएगा या मिटा दिया जाएगा… वो चाहे जज लोया हो या सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा सत्यमेव जयते”।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने आज सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुना दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को जबरन छुट्टी पर भेजने के मोदी सरकार के फैसला को निरस्त कर दिया है। फैसले के बाद अब आलोक वर्मा सीबीआई कार्यालय में अपना पद संभालेंगे।

हालांकि, केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) द्वारा उनके खिलाफ की जा रही भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच पूरी होने तक उन्हें बड़े नीतिगत फैसले लेने से रोका गया है। लेकिन वह ऑफिस में रोज़ाना के फैसले ले सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि वर्मा के खिलाफ आगे का फैसला उच्चस्तरीय समिति करेगी।

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यह फैसला सीवीसी की जांच में आए नतीजों के आधार पर किया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि समिति की बैठक एक हफ्ते में बुलाई जानी चाहिए। इस समिति में प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और चीफ जस्टिस होते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि सीवीसी एक्ट (DPSE एक्ट) में विधायिका द्वारा संशोधन की जरूरत है। कोर्ट ने कहा विधायिका को सीबीआई निदेशक के ऑफिस को सरंक्षण देना चाहिए। विधायिका को एजेंसी की स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए काम करना चाहिए।

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ग़ौरतलब है कि सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।

जिसके बाद 23 अक्टूबर को मोदी सरकार ने दोनों शीर्ष अफसरों को छुट्टी पर भेजा था। छुट्टी पर भेजे जाने के बाद आलोक वर्मा ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी।

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