महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बृजगोपाल लोया की मौत के मामले में फिर से जांच कराए जाने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि सरकार इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करे।

दिग्विजय सिंह ने मामले में फिर से जांच की मांग जज लोया की बहन अनुराधा बियानी के आरोपों के आधार पर की है। दरअसल, अनुराधा बियानी ने कारवां मैगज़ीन के पत्रकार निरंजन टाकले से बातचीत में कहा था कि उनके भाई से सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में मनचाहा फैसला देने के लिए उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहित शाह द्वारा 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया था।

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दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा, “जस्टिस लोया की बहन का आरोप बेहद गंभीर है। अब महाराष्ट्र में एक गैर बीजेपी सरकार है, तो यह सरकार एक एसआईटी का गठन क्यों नहीं कर सकती है जो एक स्वतंत्र न्यायिक आयोग के निर्देशों के तहत जांच कर सकती है जिसे सरकार एक निश्चित समय सीमा में गठन कर सकती है”। 

इससे पहले इसी साल अप्रैल महीने में जज लोया की मौत के मामले में एसआईटी से जांच कराने की मांग वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सभी अर्जियों को खारिज कर दिया था।

बता दें कि जस्टिस लोया सीबीआई स्पेशल कोर्ट के जज थे। वह सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस की सुनवाई कर रहे थे। इस केस में अमित शाह मुख्य आरोपी थे। जिन्हें बाद में बरी कर दिया गया था।

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जस्टिस लोया की मौत एक दिसंबर 2014 को महाराष्ट्र के नागपुर में उस समय हुई थी जब वो अपने सहयोगी की बेटी की शादी में शामिल होने जा रहे थे। उनकी मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। हालांकि पुलिस ने इस मामले की क्लोज़र रिपोर्ट में उनकी मौत की वजह हार्टअटैक को बताया था।

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