आगरा पहुँची बोलता हिंदुस्तान की टीम वहाँ 18 दिसम्बर को पेट्रोल डालकर जला दी गई 15 साल की दलित लड़की संजलि के घर पहुँची। टीम ने वहाँ घर के सदस्यों और पास-पड़ोस के लोगों से बात की।
यहाँ लड़कियाँ डरी सहमी हैं। उन्होंने स्कूल जाना छोड़ दिया है। संजलि के क़त्ल ने सारी लड़कियों के मन में डर बैठा दिया है कि कहीं उनके साथ भी ये जुर्म न दोहराया जाए।
बिटिया के साथ हुई दरिंदगी से अपना सुध-बुध खो बैठी संजलि की माँ ने काँपते स्वर में कहा कि, मेरी बेटी पढ़ना-चाहती थी। कुछ बनना चाहती थी। लेकिन दरिंदों ने उसे मार डाला।
उन्होंने कहा कि मोदी जी जैसे सबके लिए करते हैं वैसे मेरी भी मदद करें। उन्होंने सरकार से 1 करोड़ रुपये के मुआवज़े की माँग की। साथ ही संजलि की बड़ी बहन को सरकारी नौकरी देने की भी माँग सरकार से की।
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संजलि की बड़ी बहन ने बोलता हिंदुस्तान से बात करते हुए कहा कि, जो मेरी बहन को जला सकते हैं वो किसी को भी मार सकते हैं। बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा बस जुमला बनकर रह गया। उसने पीएम मोदी और सीएम योगी से अपील करते हुए कहा कि, बेटियाँ सुरक्षित रहें। ये सुनिश्चित किया जाए।
संजलि की बड़ी बहन की माने तो संजलि की हत्या के बाद यहाँ लड़कियाँ डर के माहौल में जी रही हैं। उन्होंने स्कूल जाना छोड़ दिया है। उन्हें डर है कि संजलि के साथ जो हुआ वो कहीं किसी और के साथ न हो जाए।
यूपी सरकार की ओर से पाँच लाख रुपये का मुआवज़ा देने के सवाल पर गाँव के लोग कहते हैं कि जब लखनऊ में मारे गए विवेक तिवारी के परिवार को क़रीब 40 लाख और सरकारी नौकरी दी गई फिर भी वो संतुष्ठ नहीं हुए तो संजलि के ग़रीब परिवार का पाँच लाख में क्या होगा।
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गाँव वालों में ज़बरदस्त ग़ुस्सा इस बात का है कि अब तक संजलि के हत्यारे पकड़ से बाहर हैं। वहीं आस-पड़ोस के लोगों पर पुलिस के कसते शिकंजे पर भी लोगों में नाराज़गी है।
लोगों का कहना है कि, ऐसा करके पुलिस मामले को रफ़ा-दफ़ा करना चाहती है जबकि असली आरोपी पकड़ से बाहर हैं।