Honda कंपनी ने मानेसर प्लांट में काम कर रहे अपने करीब 2500 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। निकाले गए सभी कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे थे। इस बात की घोषणा होते ही कंपनी के खिलाफ कर्मचारियों का गुस्सा फूटा। बाहर किए गए कर्मचारी Honda कंपनी के बाहर जमा हैं।

HMSI कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष सुरेश गौर ने कहा, ‘लगभग 2500 कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी कंपनी से निकाले जा चुके हैं। उन्हें कारखाने के परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया।’

कंपनी के मानेसर गोदाम में 1900 स्थायी व 2500 अस्थाई कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स काम करते हैं। मार्किट में आई मंदी के कारण इन कर्मचारियों को बाहर कर दिया गया।

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गौर ने आरोप लगाया है कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री  की धीमी पड़ी रफ़्तार के चलते Honda ने ये फैसला लिया है। बता दें भारत में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री अपने सबसे बुरे दौर से गुज़र रही है। इस मंदी के पीछे जीएसटी का भी हाथ है।

भारत में ऑटो सेक्टर और संबंधित उद्योगों में बिक्री में काफी गिरावट आई है। देश की प्रमुख कार निर्माता कंपनी मारुति-सुजुकी ने अपनी कुल वाहन बिक्री में 32.7% की गिरावट दर्ज की है। दोपहिया उद्योग सहित पूरे क्षेत्र में ऐसी ही स्थिति है। इस क्षेत्र में पहले ही 300,000 से अधिक नौकरियां चली गई हैं।

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