बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने दावा किया है कि शाहीन बाग में नागरिकता कानून के विरोध में चल रहे प्रोटेस्ट में औरतों को बैठने के लिए रोज़ाना 500 रुपए दिए जा रहे हैं।
अपने इस दावे को सही साबित करने के लिए उन्होंने एक वीडियो भी पोस्ट किया है। लेकिन उनका ये वीडियो कितना सच्चा है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। शाहीन बाग़ की औरतों ने भी इस वीडियो को प्रदर्शन को बदनाम करने की कोशिश बताया है। उनका कहना है कि बीजेपी शाहीन बाग की औरतों से डर गई है, इसलिए उसे महिलाओं द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन को बदनाम करने के लिए झूठ का सहारा लेना पड़ रहा है।
चंद्रशेखर के शाहीन बाग़ जाने पर लगी रोक, मंडल बोले- क्या शाहीन बाग़ पाकिस्तान में है? जहां नहीं जा सकते
मालवीय ने अपने ट्विटर अकाउंट पर करीब डेढ़ मिनट का एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहा धरना प्रदर्शन असल में कांग्रेस का एक खेल है। यहां प्रदर्शन स्थल पर महिलाएं शिफ्ट में आती हैं और उन्हें 500-1200 रुपए दिए जाते हैं। वहीं, प्रदर्शन स्थल के बाहर जितनी भी दुकाने हैं उनसे किराया नहीं लिया जा रहा है। जबकि उन दुकानों का किराया एक से डेढ़ लाख रुपए के बीच है।
अमित मालवीय के इस वीडियो में जो शख़्स प्रदर्शन को लेकर ये सारे दावे कर रहा है, उसके बारे में बताया गया है कि वह वहां मौजूद दुकान में काम करता है। लेकिन जब गलियों में कुछ दुकानदारों से नवभारत टाइम्स ने बात की तो ज्यादातर का कहना था कि विडियो यहां का है ही नहीं, फ्रेम किया गया है। अगर वो दुकानदार यहां का है तो विडियो बनाने वाला सामने आ जाए और हम लोगों से उसे मिला दे।
अख़बार से दुकानदार साहिल ने कहा कि हम लोग लालची नहीं है। न ही हमारी महिलाएं। बच्चों के साथ महिलाओं प्रदर्शन में शामिल हो रहा हैं, ठंड की परवाह किए बगैर। हमारी जान की कीमत इतनी गिरी हुई नहीं है।
पूर्व IPS बोले- शाहीन बाग की बेटियों को सलाम! जो 20 दिन से कड़कड़ाती सर्दी में CAA का विरोध कर रही हैं
जसोला के रहने वाले आलम शाह कहते हैं ‘जनाब… मेरी बहू रोजाना प्रदर्शन में जाती है। मैं जब दूसरी महिलाओं की हिम्मत देख रहा हूं, तो उसे भी नहीं मना कर पा रहा हूं। यहां कोई नेता की रैली नहीं हो रही… जिसकी भीड़ जुटाने के लिए पैसे दिए जाते हैं यह सबको पता है। यह लड़ाई अलग है’।
प्रदर्शन को बदनाम करने की इस कथित साज़िश की सोशल मीडिया पर भी जमकर आलोचना हो रही है। बड़ी तादाद में सोशल मीडिया यूज़र्स ने बीते कल शाहीन बाग की महिलाओं के समर्थन में ट्रेंड चलाया और बीजेपी की इस हरकत को शर्मनाक बताया। वहीं विपक्षी दल के नेता भी इस मामले को लेकर बीजेपी पर हमलावर हो गए हैं।
कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने ट्विटर के ज़रिए कहा, “शाहीनबाग की महिलाएं और देश के छात्र थोड़ी न आपकी पालतू मीडिया है की खरीद लेंगे!”
शाहीनबाग की महिलाएं और देश के छात्र थोड़ी न आपकी पालतू मीडिया हे की खरीद लेंगे ! #हर_शहर_शाहीन_बाग
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) January 17, 2020