प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक बड़ा ख़ुलासा सामने आया है। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के बेहद ईमानदार माने जाने वाले मैग्सेसे विजेता IFS अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को पद से हटाने के लिए पीएम मोदी ने तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से टेलीफोन पर बात की थी।

एनडीटीवी ने ये ख़ुलासा एक आरटीआई के आधार पर किया है। एनडीटीवी के मुताबिक, 2012 से लेकर 2014 तक अखिल भारतीय आयुर्विद संस्थान (AIIMS) के मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO) रहे संजीव चतुर्वेदी ने अपने कार्यकाल के दौरान AIIMS में 200 से ज़्यादा बड़े भ्रष्टाचार के मामले को उजागर किया था। भ्रष्टाचार के मामलों में IAS अधिकारी विनीत चौधरी का नाम भी सामने आया था, जिन्हें बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा का करीबी माना जाता है।

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जेपी नड्डा ने ही पीएमओ को पत्र लिखकर संजीव चतुर्वेदी को हटाए जाने की मांग की थी। नड्डा ने पत्र में लिखा था कि संजीव को AIIMS का CVO बनाने में नियमों का उल्लंघन किया गया और इनको तुरंत अपने कॉडर में वापस भेजा जाए और CVO रहने के दौरान कराई जा रही जांच को रोका जाए। ये पत्र उन्होंने तब लिखा था जब डॉक्टर हर्षवर्धन स्वास्थ्य मंत्री थे।

रिपोर्ट के मुताबिक, जेपी नड्डा के इस पत्र के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद स्वास्थ्य मंत्री को फोन करके संजीव चतुर्वेदी को रिलीव करने को कहते हैं। उसके बाद संजीव चतुर्वेदी को जबरन छुट्टी पर भेजा जाता है और दो महीने बाद डॉ. हर्षवर्धन की छुट्टी करके जेपी नड्डा को स्वास्थ्य मंत्री बना दिया जाता है।

भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे वीनीत चौधरी के जेपी नड्डा से क्या हैं संबंध?

विनीत चौधरी हिमाचल कॉडर के IAS अधिकारी रहे हैं। हिमाचल सरकार में जब जेपी नड्डा स्वास्थ्य मंत्री थे, तब उस वक्त विनीत चौधरी स्वास्थ्य सचिव हुआ करते थे। हालांकि विनीत चौधरी को AIIMS के डिप्टी डायरेक्टर के तौर पर तब नियुक्त किया गया जब कांग्रेस की सरकार थी और गुलाम नबी आज़ाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री थे।

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अपने इसी कार्यकाल के दौरान विनीत चौधरी पर भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे। विनीत चौधरी पर आरोप लगे थे कि 2010 से लेकर 2012 तक AIIMS के डवलपमेंट वर्क और झज्जर में बन रहे कैंसर अस्पताल में मानकों को ताक पर रखकर काम करवाया। कथित तौर पर विनीत चौधरी ने उस वक्त AIIMS के सुपरिडेंटेड इंजीनियर और इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के मुखिया बीएस आनंद का कार्यकाल बढ़वाया और कैंसर अस्पताल बनाने में फंड का दुरुपयोग किया।

CVO संजीव चतुर्वेदी की शिकायत पर ही विनीत चौधरी के ख़िलाफ़ सीबीआई ने मामला दर्ज किया। लेकिनजेपी नड्डा के स्वास्थ्य मंत्री बनते ही विनीत चौधरी के खिलाफ चल रही जांच सुस्त पड़ गई। CBI ने अपने नोट में लिखा कि विनीत चौधरी के खिलाफ जांच में सबूत नहीं मिल सके क्योंकि विभागों ने जांच के दौरान संबंधित दस्तावेज नहीं उपलब्ध कराए।

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