सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की बहाली पर मोदी सरकार के फैसले को पलट दिया है। कोर्ट ने वर्मा की बहाली करते हुए कहा कि सीबीआई निदेशक को हटाया जाने वाला मामला भारत के मुख्य न्यायाधीश, प्रधानमंत्री, और विपक्ष के नेता के पास भेजा जाना चाहिए था।
वहीँ इस मामले पर वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना है कि ये जीत सिर्फ आलोक वर्मा की नहीं ये किसी भी संस्थान की आज़ादी की जीत है।
CBI विवादः सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को लगाई फटकार, कहा- आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने का फैसला गलत
इस मामले पर राजद सांसद मनोज झा ने सोशल मीडिया प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, सीबीआई डायरेक्टर पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद यह स्पष्ट है कि IRCTC के मसले पर राजद के शीर्ष नेताओं को घेरने की कोशिश कहां से और किसके इशारे पर हो रही थी।
भाजपा के नए गठबंधन सहयोगी मसलन CBI,ED,IT बेनकाब हुए, जय हिंद सत्यमेव जयते।
बता दें कि सरकारी जांच एजेंसीयो पर विपक्ष पहले से ही हमला करता रहा है। वहीं आलोक वर्मा ने भी बयान दिया था की उन्हें राजद प्रमुख लालू यादव के खिलाफ जांच करने को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी दबाव बना रहें थे।
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कोर्ट के इस फैसले के बाद मोदी सरकार पर डैमेज कंट्रोल करने में जुट गई है जेटली ने बयान देते हुए कहा कि हमने वर्मा को सीवीसी की रिपोर्ट आधारित पर ही छुट्टी पर भेजा था