
बीजेपी भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से बड़ा नेता बताती हो और यह दावा करती हो कि देश की जनता राहुल गांधी के मुकाबले पीएम मोदी पर ज़्यादा भरोसा करती है, लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता ने बीजेपी के इस दावे को ग़लत साबित कर दिया है।
छत्तीसगढ़ में जहां भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रचार के लिए गए वहां बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। वहीं इसके बरअक्स राहुल गांधी की चुनावी सभाएं कांग्रेस के लिए कारगर साबित हुई हैं।
चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने जहां भी जन सभाएं की उनमें ज़्यादातर जगहों पर कांग्रेस को कामयाबी मिली। वह अपनी सभाओं के दौरान जनता का विश्वास जीतने में सफल रहे।
हिंदी दैनिक ‘पत्रिका’ के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूबे की 12 विधानसभा सीटों पर सभाएं की और बीजेपी को इन सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। इन सीटों में जगदलपुर, बिलासपुर, अम्बिकापुर, महासमुंद और सरगुजा शामिल हैं। इस सीटों पर पीएम मोदी ने बड़ी जनसभाएं की थी।
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वहीं राहुल गांधी की बात करें तो उन्होंने 14 विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार किया, जिनमें से कांग्रेस को 12 सीटों पर कामयाबी भी मिली।
राहुल ने चारामा, कोंडागांव, पखांजुर, खैरागढ़, महासमुंद, कटघोरा, बिलासपुर, तखतपुर, भिलाई और कवर्धा में बड़ी सभाएं की थी। कांग्रेस को सिर्फ राजनांदगांव और खैरागढ़ में ही हार का सामना करना पड़ा।
जब बात चुनाव प्रचार की हो रही है तो इसमें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ज़िक्र करना भी ज़रूरी हो जाता है, क्योंकि वह बीजेपी के स्टार प्रचारक के रूप में देखे जाते हैं। पीएम मोदी के बाद अगर किसी और बीजेपी नेता के चुनाव प्रचार की बात होती है, उनमें सीएम योगी का नाम पहले नंबर पर आता है।
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सीएम योगी को कट्टर हिंदुत्ववादी छवि के लिए जाना जाता है, इसलिए माना जाता है कि बीजेपी चुनावों में उनका इस्तेमाल अपनी हिंदुत्ववादी छवि को चमकाने के लिए करती है।
शायद यही वजह है कि वह बीजेपी के किसी और नेता के मुकाबले ज़्यादा चुनावी सभाएं करत नज़र आते हैं।
सीएम योगी ने छत्तीसगढ़ में पीएम मोदी से ज़्यादा 24 चुनावी सभाएं की। उन्होंने इस दौरान हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की बातों से माहौल गरमाने की कोशिश की, लेकिन उनका भाषण भाजपा को उबार नहीं पाया। उनके दौरों वाली सीटों में केवल राजनांदगांव, वैशालीनगर, बिल्हा में भाजपा उम्मीदवार जीत पाए।