आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सीबीआई की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हुए राज्य के मामलों में उसकी सीधी दखलंदाज़ी पर पाबंदी लगा दी है।

अब सीबीआई को आंध्र प्रदेश में किसी भी आधिकारिक काम या जांच के लिए पहले राज्य सरकार से इजाज़त लेनी पड़ेगी।

आंध्र प्रदेश सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि अब से सीबीआई किसी भी केस में किसी जांच या सर्च ऑपरेशन के लिए सूबे में आती है तो उन्हें पहले सरकार को बताना होगा, लिखित परमिशन मिलने के बाद ही वो जांच कर पाएंगे। बिना इजाज़त कोई भी अधिकारी राज्य में जांच नहीं कर सकेगा।

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नायडू सरकार ने यह फैसला राज्य के कई शीर्ष अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद लिया है। राज्य सरकार ने इस संबंध में इसी हफ्ते एक अधिसूचना जारी करते हुए सीबीआई के साथ भरोसा खत्म हो जाने की बात कही थी।

सीएम नायडू ने पिछले दिनों केंद्र पर सीबीआई के ज़रिए राज्य सरकार को अस्थिर करने के आरोप भी लगाए थे।

हालांकि सूत्रों ने कहा है की सीबीआई को इस संबंध में किसी तरह का पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। सूत्र का कहना है कि इस तरह की नोटिफिकेशन मिलने की स्थिति में सीबीआई फैसले के खिलाफ कानूनी सहारा ले सकती है।

नायडू के इस फैसले का कांग्रेस और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने समर्थन किया है। कांग्रेस के नेता पीसी चाको ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू ने किया है उसे हर राज्यों को करना चाहिए। अगर कानून की व्यवस्था है तो राज्य अपने स्टैंड ले सकते हैं।

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वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नायडू के इस कदम की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अपने राज्य में सीबीआई को प्रवेश की अनुमति नहीं देकर सही काम किया है।

ममता का कहना है कि सीबीआई बीजेपी के इशारे पर काम कर रही है। उन्होंने एक पीसी में कहा, ‘चंद्रबाबू नायडू ने जो किया वो सही है। सीबीआई को बीजेपी से दिशा-निर्देश मिल रहे हैं।

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