दिल्ली पुलिस ने करीब तीन साल पहले जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में कथित देशविरोधी नारेबाज़ी के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। ये चार्जशीट सेक्शन-124 A, 120B, 323, 465, 471, 143, 149, 147 के तहत पेश की गई है।

चार्जशीट में कुल 10 लोगों को मुख्य आरोपी बनाया गया है, जिनमें जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, सैयद उमर ख़ालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य का नाम शामिल है।

चार्जशीट में कश्मीर के रहने वाले सात छात्रों आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रईस रसूल, बशरत अली, खालिद बशीर भट के नाम भी हैं।

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तीन साल पुराने इस मामले में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले चार्जशीट दाखिल किए जाने पर सवाल भी उठने लगे हैं। वरिष्ट पत्रकार ओम थानवी ने लिखा, अपने ही देश के छात्रों की आवाज़ छीन ले, वह कैसा लोकतंत्र होगा? वह कैसी शिक्षा जो छात्रों को वही बोलना सिखाए जो सरकार चाहती है?

वह कहाँ का न्याय जो सीखते-बढ़ते छात्रों की ज़ुबान ही कुचल दे? प्रतिरोध और असहमति जहाँ गुनाह हो जाएँ, वहाँ साहस और अभिव्यक्ति का भविष्य क्या होगा?

बता दें कि 9 फरवरी 2016 में जेएनयू कैंपस में अफजल गुरु की फांसी के विरोध में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाए गए थे।

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इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार, उमर खालिद, और अनिबर्न भट्टाचार्य के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार भी किया था। लेकिन बाद में सभी आरोपियों को दिल्ली हाईकोर्ट से सशर्त ज़मानत मिल गई थी।

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