वरिष्ठ पत्रकार और किसान कार्यकर्ता पी. साईनाथ ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को राफेल से भी बड़ा घोटाला बताया है.

अहमदाबाद में एक कार्यक्रम में बोलते हुए पी.साईनाथ ने कहा है कि वर्तमान सरकार की नीतियां किसान विरोधी हैं जिसमें फसल बीमा के नाम पर रिलायंस और एस्सार जैसी निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है.

पी.साईनाथ ने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में तकरीबन 2.80 लाख किसानों ने अपने खेत में सोया उगाया था प्रत्येक ज़िले में किसानों ने 19.2 करोड़ रुपये का प्रीमियम अदा किया. इसके बाद केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कुल मिला कर 173 करोड़ रुपये बीमा कंपनियों रिलांयस इंश्योरेंस को दिए गए. इसके बाद किसानों की फसलें बर्बाद हो गई.

अब बारी आई रिलांयस इंश्योरेंस को इस बर्बादी में किसानों को राहत के रूप में उनकी बीमा राशि देने की. महाराष्ट्र के एक जिले में रिलायंस ने 30 करोड़ रुपये दिए. यानि रिलायंस इंश्योरेंस को सीधे 143 करोड़ का फायदा.

अब इस हिसाब से महाराष्ट्र के हर ज़िले में हुए भुगतानों का अंदाज़ा लगाया जा सकता है. यहां कंपनी का सीधे-सीधे 143 करोड़ रुपये का लाभ एक ज़िले में हुआ है.

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साथ ही साईनाथ ने किसानी छोड़ रहे किसानों के बारे में चिंता जताते हुए कहा कि ‘पिछले 20 सालों में हर दिन दो हज़ार किसान खेती छोड़ रहे हैं. ऐसे किसानों की संख्या लगातार घट रही है जिनकी अपनी खेतीहर ज़मीन हुआ करती थी और ऐसे किसानों की संख्या बढ़ रही है जो किराये पर ज़मीन लेकर खेती कर रहे हैं.

इन किरायेदार किसानों में 80 प्रतिशत क़र्ज़ में डूबे हुए हैं.’ उन्होंने कहा, ‘किसान धीरे-धीरे कॉरपोरेट घरानों के हाथों अपनी खेती गंवाते जा रहे हैं, जबकि महाराष्ट्र में 55 प्रतिशत आबादी ग्रामीण है.

राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) भी नकद मुंबई में बांट रहा है जहां खेती-किसानी है ही नहीं.’ किसान आत्महत्या के मुद्दे पर साईनाथ ने कहा, ‘वर्तमान सरकार किसान आत्महत्या से जुड़े आंकड़े सार्वजनिक नहीं करना चाहती.

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार पिछले बीस साल यानी 1995 से 2015 के बीच 3.10 लाख किसानों ने आत्महत्या की. पिछले दो साल से किसान आत्महत्या के आंकड़ों को जारी नहीं किया जा रहा है.’

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वहीं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की बात करें तो लगातार इस योजना पर सवाल खड़े हो रहें है. कई मीडिया रिपोर्टस के अनुसार कई बार फसल बीमा कंपनियों ने किसानों को बीमा देने के नाम पर किसाने के हाथ में एक और दो रुपये के चैक पकड़ाएं हैं. साथ ही किसानों के एक बड़े समूह को इस योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

अहमदाबाद में आयोजित इस तीन दिवसीय किसान सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए पी. साईनाथ ने इस महीने दिल्ली में 29 और 30 नवंबर को होने वाली संसद मार्च का जिक्र करते हुए कहा कि, हम इस महीने की 29 और 30 तारिख को संसद मार्च का आयोजन करने जा रहें हैं.

हमारी मांग है स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में कि गई सिफारिशों को जल्द से जल्द लागू किया जाए. और इस रिपोर्ट पर फिर एक बार कम से कम तीन दिन की चर्चा भी संसद में की जाए.

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