प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि पर टैक्स में गड़बड़ी करने के आरोप लगे हैं। आरोप है कि पतंजलि ने उपभोक्ताओं को जीएसटी दर की कटौती का फायदा नहीं दिया। इस मामले की जांच की जा रही है।

मुनाफाखोरी निरोधक महानिदेशालय (डीजीएपी) के मुताबिक, पतंजलि आयुर्वेद ने अपने एफएमसीजी उत्पादों पर जीएसटी दर में कटौती के दिन से अगस्त 2018 तक कुल 176 करोड़ रुपए की मुनाफाखोरी की। दरअसल, केंद्र सरकार ने 2017 में 178 उत्पादों पर जीएसटी में कटौती की थी। इन उत्पादों पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी गई थी।

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लेकिन पतंजलि ने कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को न दे कर मुनाफाखोरी की। पतंजलि के साथ ही एफएमसीजी कंपनी आईटीसी और मल्टीनेशनल कंपनी प्रोक्टर एंड गैंबल, जॉनसन एंड जॉनसन एवं सैमसंग जैसी कंपनियों पर भी उपभोक्ताओं को जीएसटी दर में कटौती का फायदा न देने का आरोप है।

इन सभी कंपनियों को डीजीएपी ने नोटिस जारी किया है। डीजीएपी इन कंपनियों से जानना चाहती है कि इस दौरान कितनी मुनाफाखोरी की गई। मुनाफाखोरी की जांच का पता लगाने के लिए डीजीएपी इसका समय मार्च 2019 तक बढ़ा रही है।

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पतंजलि की ओर से इस मामले में अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है। वहीं आईटीसी ने इसकी पुष्टि की है कि उन्हें डीजीएपी की तरफ से एक नोटिस जारी हुआ है और वह उन्हें हर तरह का सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

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