मोदी सरकार ने बजट तो पेश कर दिया मगर किसानों के लिए नाम मात्र की ही कुछ किया है। ऐसा कहना है आरएलडी नेता जयंत चौधरी का जिन्होंने किसानों को ज्यादा हक़दार बताते हुए मोदी सरकार की जमकर क्लास लगाई है।
जयंत ने सोशल मीडिया पर लिखा, ऐसा बजट 1 फरवरी नहीं 1 अप्रैल को पेश करना था! अगर सरकार कुछ भूस्वामी को चंद रुपए देकर सोचती है, पल्ला झाड़ लो, सारी सब्सिडी छीन लो, आय दुग्नि हो गई आँखें खुल जाएँगी! देश का किसान इससे ज़्यादा का हक़दार है।
ऐसा बजट १ फरवरी नहीं १ अप्रैल को पेश करना था! अगर सरकार कुछ भूस्वामी को चंद रुपए देकर सोचती है, पल्ला झाड़ लो, सारी सब्सिडी छीन लो, आय दुग्नि हो गई आँखें खुल जाएँगी! देश का किसान इससे ज़्यादा का हक़दार है। #jumla #SwaminathanCommission #farmer #loanwaiver #MSP
— Jayant Chaudhary (@jayantrld) February 1, 2019
https://twitter.com/jayantrld/status/1091277225964515329
दरअसल किसानों की लम्बे समय से मांग है कि उन्हें अपनी फसल का सही दाम मिले। जिसके कई बार वो दिल्ली से लेकर मुंबई तक और देश के हर कोने में सड़कों पर उतर चुके है। मगर मोदी सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने से अबतक कतरा रही है और इस बार किसानों के हाथ मायूसी ही लगी।
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हलाकिं बजट आने से पहले कई मीडिया रिपोर्ट्स ने किसानों की आय दोगुनी करने उम्मीद जताई थी। मगर जब बजट आया तो ऐसा कुछ भी नहीं बल्कि किसान को सालाना 6000 रुपये की देने की मामूली रकम देकर सरकार ने खुद की पीट जमकर थप-थापाई। मगर ज़मीन पर ये कितनी सफल साबित होती है अभी ये देखना बाकी है।
बता दें कि मोदी सरकार पर राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही किसानों की कर्जमाफी के ऐलान के बाद काफी दबाव था।
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जिससे कई तरह के कयास लगाए जा रहें थे की किसानों का आय दोगनी कर देंगें मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। बल्कि मोदी सरकार ने अपने आखिरी बजट में किसानों को रिझाने की भरपूर कोशिश की है।