रक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट से इस बात का ख़ुलासा हुआ है कि राफेल डील में प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप की वजह से देश को हज़ारों करोड़ का नुकसान हुआ है। इस ख़ुलासे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने इस ख़ुलासे को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “इससे साबित होता है कि राफेल एक घोटाला था। मोदी सरकार स्वीकार करती है कि इस घोटाले के तार सीधे शीर्ष व्यक्ति तक जाते हैं। पीएम को राजकोष को नुकसान पहुंचाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए”।
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मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए माकपा नेता ने लिखा, “वायु सेना जो चाहती थी उससे कहीं कम फाइटर जेट पाने के लिए प्रक्रिया का उल्लंघन किया। यह सब सिर्फ अपने साथियों की मदद करने के लिए किया गया”।
This confirms that Rafale was a scam. Modi govt accepts that the wires in this scam go straight to the top man. The PM must take responsibility for the loss to the exchequer, violation of procedure to get far fewer fighter jets than what Air Force wanted. All just to help cronies https://t.co/v4u4Ba2TlD
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) February 8, 2019
अंग्रेज़ी अखबार ‘द हिन्दू’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नवम्बर 2015 में रक्षा मंत्रालय की एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत की ओर से राफेल डील में प्रधानमंत्री कार्यकाल हस्तक्षेप कर रहा है और डील की बातचीत में सीधे तौर पर शामिल है। दूसरी तरफ फ़्रांस से इस मामले में उनकी विशेष रक्षा समिति शामिल है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि पहले तो PMO (प्रधानमंत्री कार्यकाल) को इस मामले में दखल देने का अधिकार नहीं है और दूसरा वो इस मामले में विशेषज्ञ नहीं है, इस कारण डील में भारत को बड़ा नुकसान हो सकता है। रिपोर्ट में पहले ही संदेह जताया गया था कि पीमओ के हस्तक्षेप की वजह से भारत को बैंक गारंटी नहीं मिलेगी जिस कारण भविष्य में देश को इस डील से बड़ा नुकसान होगा।
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बाद में हुआ भी यही, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल दस्तावेजों में खुद बताया है कि इस डील में फ़्रांस की ओर से भारत को कोई बैंक गारंटी नहीं दी गई है। जिस समिति ने ये रिपोर्ट दी उसे राफेल मामले के लिए ही बनाया गया था। इसके अध्यक्ष वायु सेना के उप प्रमुख थे।