श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने ईस्टर पर हुए आत्मघाती हमलों में देशवासियों की सुरक्षा में चूक होने की ज़िम्मेदारी लेते हुए उनसे माफ़ी मांगी।

विक्रमसिंघे ने ट्विटर पर लिखा, ‘हम सामूहिक रूप हमलों को रोकने में विफल रहने की जिम्मेदारी लेते हैं और लोगों की रक्षा करने में हमारी विफलता के लिए अपने नागरिकों से माफी मांगते हैं।’

सरकार के प्रवक्ता रजित सेनारत्ने ने कहा था कि धमाकों के बारे में चेतावनी हमलों से पहले ही मिल गई थी। बावजूद इसके वे हमले को रोक नहीं पाए और इसी कारण श्रीलंका के पुलिस प्रमुख पुजिथ जयसंदुरा और रक्षा सचिव हेमासिरी फर्नांडो ने इस्तीफ़ा दे दिया था।

धमाकों के बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति रक्षा सचिव से इस्तीफा मांगते हैं, मोदी पुलवामा के बाद वोट मांगते हैं

श्रीलंका भारत से सटा एक छोटा महाद्वीप है जहां की आबादी भारत की तुलना बहुत कम है। भारत में पुलवामा आतंकी हमले में भारत के 40 जवान शहीद हुए थे।

लेकिन पुलवामा हमले में भारी चूक की ज़िम्मेदारी लेने कोई सामने नहीं आया था। प्रधानमंत्री कई दिन चुप रहे। आर्मी द्वारा एयर स्ट्राइक के बाद नरेन्द्र मोदी दिखे भी तो अपना ढिंढोरा पीटते हुए। सेना के साहस का प्रयोग अब पार्टी अपने प्रचार के लिए कर रही है।

धमाकों के बाद श्रीलंका के रक्षा सचिव ने दिया इस्तीफा, पुलवामा के लिए NSA डोभाल इस्तीफ़ा कब देंगे?

लगभग अपने हर भाषण में मोदी सेना पर राजनीति करना नहीं छोड़ते। पीएम मोदी ने इन पांच सालों में कभी भी देश से माफ़ी नहीं मांगी। बस अपना प्रचार करते रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here