बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और वर्तमान विधानसभा में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने सवर्ण आरक्षण को लेकर फिर से मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। एक के बाद एक कई ट्वीट्स करते हुए आरजेडी नेता ने सवर्ण आरक्षण पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा है।

तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया कि-

हम सवर्ण आरक्षण लागू करने के तरीक़े का विरोध कर रहे है। बिना किसी पद्धति, जाँच, आयोग, सर्वे और सर्वेक्षण के इन्होंने मात्र चंद घंटों में संविधान से छेड़छाड़ कर संशोधन कर दिया। जातिवादी मोदी सरकार द्वारा जल्दबाज़ी में लागू किए गए इस आरक्षण का हश्र नोटबंदी जैसा ही होगा।

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बीजेपी द्वारा सवर्णों को दिए गए आरक्षण में आरक्षण पाने की पात्रताओं में ये भी शामिल है कि, लाभार्थी की सालाना आय 8 लाख रूपये के अंदर होनी चाहिए।

इस पर सवाल उठाते हुए तेजस्वी ने पूछा-

बताइये, 8 लाख सालाना यानी  66,666 रू महीने में कमाने वाला ग़रीब कैसे हुआ? अजीब गणित है भाई? 8 लाख सालाना कमाने पर आपको 20% टैक्स यानि 72,500 रू सालाना टैक्स देना पड़ रहा है। जो व्यक्ति 72500 टैक्स देता है सरकार उसे ग़रीबी का आरक्षण दे रही है। वाह रे विद्वानों! वाह मोदी जी वाह!

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ग़रीब पिछड़ों, दलितों की 85 फ़ीसदी आबादी के लिए सिर्फ़ 50 फ़ीसदी आरक्षण आरक्षित है। जबकि मोदी सरकार ने सिर्फ़ 15 फ़ीसदी सवर्णों को 10 फ़ीसदी आरक्षण दे दिया है। पिछड़ा वर्ग काफ़ी समय से आरक्षण की सीमा बढ़ाने की माँग कर रहा है। लेकिन मोदी सरकार ने उसको अनसुना करते हुए सवर्ण आरक्षण ला दिया।

तेजस्वी लिखते हैं-

देश के बहुजन वर्षों से 50% फ़ीसदी आरक्षण की सीलिंग बढ़ाने की माँग कर रहे थे लेकिन अन्यायी जातिवादियों ने नहीं बढ़ाया और ना ही बढ़ने दिया लेकिन सवर्ण आरक्षण बिन माँगे चंद घंटों में दे दिया। नागपुरिए जातिवादियों को आपके वोट से डर नहीं लगता। समझिये, ये आरक्षण समाप्ति की शुरुआत है।

तेजस्वी लिखते हैं-

‘वो दूसरों की हक़मारी भी करेंगे और वर्ण व्यवस्था में ख़ुद को दूसरों से श्रेष्ठ भी समझेंगे। दूसरों का सामाजिक तिरस्कार भी करेंगे। उनकी जात का मज़ाक़ बनाएँगे। शोषण करेंगे लेकिन समानता का अधिकार नहीं देंगे।उनकी जाति की भी गणना नहीं करेंगे और ना ही होने देंगे। वो असमानता के पक्षधर है’

“बेरोज़गारी हटाओ, आरक्षण बढ़ाओ” अब आर-पार लड़ाई होगी। निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू करना होगा। आरक्षण बढ़ाकर 90% करना होगा, करना होगा।

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