देश के युवाओं से हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा कर सत्ता में आई मोदी सरकार के दौर में आज बेरोज़गारी अपनी चरम सीमा पर है। हालात इतने खराब हो चुके है कि देश में बेरोज़गार युवा अब सामूहिक आत्महत्या कर रहे हैं।

सामूहिक आत्महत्या करने का यह ताज़ा मामला राजस्थान का है। बीते मंगलवार को राजस्थान के अलवर शहर में चार बेरोज़गार युवाओं ने नौकरी ना लगने के कारण ट्रेन के आगे छलांग लगा दी।

इस सामूहिक आत्महत्या में तीन युवाओं की मौंके पर ही मौत हो गई जबकि एक युवा गंभीर हाल में जयपुर के अस्पताल में भर्ती है। इस घटना में मौजूद युवाओं की संख्या छह है। इन दो अन्य युवाओं ने आखिरी समय पर अपना इरादा बदल दिया था।

साथ ही पूरी घटना के बारे में अपने परिजनों और पुलिस को जानकारी भी इन्हीं युवाओं द्वारा दी गई। इस घटना शामिल सभी युवा राजस्थान के अलग-अलग गांव से थे जो कि सरकारी नौकरी के लिए अलवर शहर में आकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे।

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आखिरी वक्त पर आपना निर्णय बदले वाले राहुल मीणा के अनुसार उसके साथी सत्यनारायण (मृतक) ने उसे फोन कर एक गोदाम के पास बुलाया। गोदम पर सत्यनारायण के साथ बाकी अन्य दोस्त भी मौजूद थे।

गोदाम पर पहुंचते ही सत्यनारायण ने राहुल मीणा से कहा कि यार अब तो जीने से तंग आ गए हैं। हम सब तो मरेंगे, तू भी मरना चाहता है तो बता। इसके जवाब में राहुल मीणा ने कहा कि, मैं क्यों मरूं, मेरे घरवाले क्या करेंगे। सत्यनारायण बोला, देख नौकरी लगेगी नहीं और खेतों में काम हमसे होगा नहीं, तो जी कर क्या करेंगे, दूसरों को तकलीफ ही देंगे।

आपको बता दें कि इस महीने राजस्थान में बीजेपी की सरकार अपना पांच वर्षों का कार्यकाल पूरा कर चुकी है। यहां की वसुंधरा सरकार ने साल 2013 के विधानसभा चुनावों में युवाओं को 15 लाख नौकरियां देने का वादा किया था।

इस महीने राजस्थान में फिर एक बार विधानसभा चुनाव है। इस चुनाव के प्रचार के दौरान अपने 15 लाख नौकरी वाले वादे के मध्यनज़र बीजेपी ने अपने आफिशियल ट्विटर एंकाउट से ट्वीट कर दवा किया था कि राज्य की वसुंधरा सरकार ने 15 लाख नौकरी का वादा किया था लेकिन 44 लाख नौकरियां सरकार द्वारा युवाओं को दी गई हैं।

इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर वसुंधरा सरकार पर विरोध दर्ज करते हुए, युवाओं ने सरकार के इस दावे को झूठा करार दिया था।

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साथ ही बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने सरकार के इस दावे का खंडन करते हुए कहा था कि राजस्थान एक लाख से ज्यादा भर्तियां लंबित हैं। और तो और बीजेपी के बड़े नेता खुद अपने भाषणों में रोजगार को लेकर अलग-अलग आंकड़े जनता के आगे प्रस्तुत कर रहें हैं।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अपने भाषण में कहते है कि राज्य में हमने 26 लाख युवाओं को नौकरी दी। वहीं राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष अपने ही राष्ट्रीय अध्यक्ष की बात को झुठलाते हुए बताते हैं कि वसुंधरा सरकार ने 35 लाख नौकरियां युवाओं को दी हैं। प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सबसे आगे है। कहतीं है कि उनकी सरकार ने 60 लाख नौकरियां युवाओं को दी है।

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लेकिन अलवर की यह घटना राजस्थान की वसुंधरा सरकार और केंद्र की मोदी सरकार दोनों के लिए शर्मनाक है। ट्वीटर पर नौकरी देने का दावा करना जमीनी हकीकत नहीं बदल सकता।

चूंकि राज्य में अगले महीने चुनाव है इसलिए यह घटना सरकार के लिए अच्छी खबर नहीं है। वहीं दो करोड़ नौकरी देने वाले दावे का हिसाब किताब करने का समय भी नज़दीक है।

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