ऐसा लगता है कि उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह हिटलर के प्रचार मंत्री जोसेफ़ गोयबल्स के बहुत बड़े वाले फैन हैं। गोयबल्स कहा करता था कि किसी झूठ को इतनी बार कहो कि वो सच बन जाए और सब उस पर यक़ीन करने लगें।

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लाल घेरे में जोसेफ़ गोयबल्स

ठीक यही काम प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह भी कर रहे हैं। विधान परिषद में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य दीपक सिंह द्वारा पूछे गए एक सवाल पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा, ‘प्रदेश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से किसी भी व्यक्ति की मौत की सूचना नहीं है।’

Imageजय प्रताप सिंह का जवाब ना सिर्फ तथ्यात्मक रूप से झूठा है, बल्कि हजारों लोगों की मौत का मजाक बनाने वाला भी है। उस दौर की भयावह तस्वीरें आज भी इंटरनेट और खबरों की कतरनों में जिंदा हैं। जिस बात को अभी एक साल भी नहीं हुए उसे इतनी आसानी से खारिज़ कर देना, सत्ता के ‘झूठे चरित्र’ को बताता है।

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क्या स्वास्थ्य मंत्री इतनी जल्दी अपने ही विधायक लोकेंद्र सिंह की उस भावुक चिट्ठी को भूल गए, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘हम चाह कर भी अपने लोगों को नहीं बचा पा रहे हैं।’

अपनों को मरते देख रहे, नहीं मिल रही ऑक्सीजन, एक और बीजेपी विधायक ने सीएम योगी को लिखा पत्रलखीमपुर खीरी जिले में मोहम्मदी सीट से विधायक लोकेंद्र सिंह ने सीएम योगी को लिखा था, ”लखीमपुर जनपद में आक्सीजन की अत्यधिक कमी है और आक्सीजन की कमी से ही लोग अत्यधिक मर रहे हैं। तहसील स्तर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी आक्सीजन नहीं है, जिस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत सारे लोग मरते चले जा रहे हैं।

सभी विधायकों द्वारा विधायक निधि से अपनी-अपनी विधानसभा क्षेत्र में 10-10 कंसन्ट्रेंटर की मांग की गई है। वह भी उपलब्ध नहीं हो पाई है। सरकार के द्वारा इस महामारी से निपटने के क्रम में तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। लखीमपुर का जिला प्रशासन भी बड़ी मेहनत से लगा हुआ है, परंतु आक्सीजन की उपलब्धता न होने के कारण विवश हो जाता है।” क्या स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह इस पत्र को भी झुठला देंगे?

क्या स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह इलाहाबाद हाई कोर्ट की उस टिप्पणी को भी झुठला देंगे, जिसमें कोर्ट ने राज्य में ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौत को ‘जेनोसाइड’ या ‘जनसंहार’। इतना ही नहीं 4 मई 2021 की अपनी इस टिप्पणी में कोर्ट ने सरकार की लापरवाही को ‘आपराधिक कृत्य’ बताया था।

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चलिए मान लेते हैं कि स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ये सब भूल गए, लेकिन क्या मंत्रीजी अपनी कही बात भी भूल गए हैं। जी हाँ, बीबीसी से बातचीत के दौरान मई, 2021 में जय प्रताप सिंह ने कहा था, ”हम ये जानते हैं और मानते हैं कि ऑक्सीजन की किल्लत की वजह से बहुत सारे लोगों की घर के अंदर मृत्यु हुई।”

अगर स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह 7 माह पहले कही अपनी ही बात को भी भूल गए हैं, तो उन्हें राज्य के स्वास्थ्य से पहले अपने मानसिक स्वास्थ्य की चिंता करनी चाहिए?

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