दिल्ली में आयोजित विश्व हिंदू परिषद (VHP) की धर्म संसद में विवादित नारे लगाए जाने का मामला सामने आया है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण मुहिम के तहत इकट्ठा हुए वीएचपी कार्यकर्ताओं ने यहां जामा मस्जिद को तोड़ देने के नारे लगाए।

दरअसल, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में वीएचपी ने रविवार को एक धर्म संसद का आयोजन किया था। इसमें देश के अलग-अलग हिस्सों से हज़ारों की तादाद में हिंदुत्ववादी संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता पहुंचे थे।

दिलचस्प बात तो यह है कि इन कार्यकर्ताओं ने यहां राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर बात करने के बजाए दिल्ली की जामा मस्जिद को तोड़ने का इरादा कर लिया।

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हज़ारों की तादाद में इकट्ठा हुए इन कार्यकर्ताओं ने ‘एक धक्का और दो जामा मस्जिद तोड़ दो’ जैसे नारे लगाने शुरु कर दिए।  ये नारे बिल्कुल उसी तर्ज़ पर लगाए जा रहे थे जैसे 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय लगाए गए थे। 26 साल पहले  ‘एक धक्का और दो बाबरी मस्जिद तोड़ दो’ का नारा लगाते हुए उन्मादी भीड़ ने बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया था।    

बाबरी मस्जिद विध्वंस ने पूरे देश को सांप्रदायिकता की आग में झोंक दिया था। दो समुदायों के बीच ऐसी खाई खोद दी थी जो अभी तक ठीक से नहीं भर पाई है। ऐसे में फिर से लगाए जा नारे यह नारे किसी बड़े ख़तरे की ओर इशारा करते हैं।

इस ख़तरे को पत्रकार विनोद कापड़ी ने भी महसूस किया है। उन्होंने इन नारों के वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा है कि अब भारत चरमपंथी देश पाकिस्तान और सीरिया के रास्ते पर चल पड़ा है।

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उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “एक धक्का और दो, जामा मस्जिद तोड़ दो। ये तस्वीरें देश की राजधानी दिल्ली की हैं। VHP की धर्मसंसद के बाद अधर्म करते कुछ आतंकी। ये देश पाकिस्तान और सीरिया बनने के रास्ते पर चल पड़ा है”।

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