राफेल विमान खरीद के कुछ मामलों में आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा मोदी सरकार को क्लीनचीट दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राफेल डील की जांच के लिए आदेश देने की जरूरत नहीं है।

कोर्ट ने कहा है कि सरकार ने जो उसे सीलबंद लिफाफे में कीमत को लेकर जो जानकारियां दी है वह ठीक हैं यह जानकारियां हमें नहीं दिखाई गई हैं।

मगर अगर याद हो कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से इतर राफेल पर एक और रिपोर्ट आना बाकी है। जो कैग रिपोर्ट होगी क्योंकि जून में ही इस मामले पर रिपोर्ट आई थी कि वायुसेना को अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों से लैस करने के लिए फ्रांस के साथ हुए राफेल सौदे की लेखा परीक्षा ‘महा लेखा नियंत्रक एवं परीक्षक (कैग)’ करने जा रहा है।

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ठीक से राफेल डील पर कैग की रिपोर्ट मानसून सत्र में ही आ जानी थी। मगर मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे शीतकालीन सत्र से पहले पहले जांच पूरी करने की बात कही गई थी।

इस मामले पर खुद वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि इस सौदे की जांच नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) से कराई जाएगी कैग इस सौदे की कीमतों की जांच करेगी। लेकिन यह डील रद्द नहीं होगी।  

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अभी तक राफेल पर असली रिपोर्ट कैग को देनी है। कैग को नोटबंदी की रिपोर्ट भी देनी है। मगर इस मामले पर कैग ने अभी तक इस मामले पर कोई रिपोर्ट नहीं दी है।

वहीं अगर राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बात करें तो कांग्रेस के वक़्त में हुए 2जी घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था जिसपर ए राजा जैसे नेताओं का जेल जाना पड़ा था।

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