24 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयागराज पहुंचे और कुंभ में चुनावी डुबकी लगाई। स्नान, पूजा, दर्शन.. आदि करने के बाद पीएम मोदी ने पांच सफाईकर्मियों के पैर धोए और सम्मानित किया।
कैमरे के सामने सफाईकर्मियों के पैर धुलने के बाद मंच से भाषण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा ‘इन्होंने (सफाईकर्मियों ने) अपने प्रयासों से कुंभ के विशाल क्षेत्र में साफ-सफाई को पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना दिया।’
प्रधानमंत्री मोदी इस बात को कहते हुए शायद ये भूल गए थे कि दुनिया भर में भारत की मैनुअल स्कैवेंजिंग की भी चर्चा होती है। भारतीय समाज में आज भी मैनुअल स्कैवेंजिंग की वजह से लोगों की जान जा रही हैं। मरने ज्यादातर लोग दलित समुदाय के होते हैं।
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इस साल यानी 2019 में अभी तक 11 सफाईकर्मियों की मौत मैनुअल स्कैवेंजिंग के दौरान हो चुकी है। 2018 में कुल 105 सफाईकर्मी मैनुअल स्कैवेंजिंग की वजह से मर गए।
सफाई कर्मचारी आंदोलन के संस्थापक और रमन मैग्सेसे अवॉर्ड विजेता बेजवाड़ा विल्सन ने ट्वीट किया है कि ‘सिर्फ 2018 में सीवर और सेप्टिक टैंक में 105 की मौत हो गई है। अब आप पैर धुल रहे हैं। मिस्टर पीएम हमे न्याय चाहिए, धार्मिक क्रिया नहीं।’
105 people killed in sewer and septic tanks in 2018 alone. He kept mum. Now washing feet. Justice not rituals, Mr. PM! #StopKillingUs #ModiKumbhVisit #ModiInKumbh https://t.co/JaQdBdKGrR
— Bezwada Wilson (@BezwadaWilson) February 24, 2019
बेजवाड़ा विल्सन ने अपने एक दूसरे ट्वीट में लिखते हैं ‘Mr. PM अपने मन को साफ कीजिए हमारे पैर नहीं, मिस्टर पीएम! ये अपमान की पराकाष्ठा है। 1.6 लाख महिलाएं अभी भी मल साफ करने को मजबूर हैं, और आपने पांच सालों में एक शब्द नहीं बोला। कितनी शर्म की बात है।’
Clean your mind not our feet, Mr. PM! Highest form of humiliation. 1.6 lac women still forced to clean shit, not a single word in five years. What a shame! #StopKillingUs https://t.co/Hs898ZJlT5
— Bezwada Wilson (@BezwadaWilson) February 24, 2019
साल 2007 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने कहा था मैला साफ करना ‘आध्यात्मिक अनुभव’ जैसा है। कर्मयोगी नाम की किताब में मोदी ने लिखा था, ‘मुझे नहीं लगता कि ये लोग सिर्फ़ अपना जीवनयापन करने के लिए यह काम करते हैं, अगर ऐसा होता तो शायद वे पीढ़ी दर पीढ़ी इसे जारी नहीं रखते।’
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मोदी कि इस बात को याद दिलाते हुए भी बेजवाड़ा विल्सन ने एक ट्वीट किया है। बेजवाड़ा लिखते हैं ‘अफ़सोस की बात है! मुख्यमंत्री रहते हुए इन्होंने मैला साफ करन को आध्यात्म बताया था, अब प्रधानमंत्री रहते हुए अन्याय का महिमामंडन कर रहे हैं। यह कृत्य बाबा साहेब अम्बेडकर के मिशन के खिलाफ है – झाडू छोड़ो कलम पकड़ो’
What a pity! As a CM, he spiritualized shit cleaning, now as PM glorifying injustice..this act is against Baba Saheb Ambedkar's mission – झाडू छोड़ो कलम पकडो #StopKillingUs
— Bezwada Wilson (@BezwadaWilson) February 24, 2019