बुलंदशहर हिंसा का मुख्य आरोपी योगेश राज अभी भी फरार है। घटना के 8 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस उसे पकड़ने में नाकाम रही है। पुलिस की इस नाकामी पर अब सवाल उठ रहे हैं। आरोप लगाए जा रहे हैं कि पुलिस योगेश को बचाने की कोशिश कर रही है।
इन आरोपों में कितना दम है इसे समझने के लिए इतना ही काफी है कि बुलंदशहर हिंसा का मुख्य आरोपी होने के बावजूद योगेश को पकड़ने के लिए पुलिस ने उसके घर की कुर्की नहीं की।
जबकि दूसरे आरोपी जीतेंद्र मलिक उर्फ जीतू को पकड़ने के लिए पुलिस ने तेज़ी दिखाते हुए कोर्ट से वारंट लिया और जम्मू जाकर उसे गिरफ्तार कर लिया। बताया यह भी जा रहा है कि योगेश को पकड़ने के लिए पुलिस अब दबिश भी नहीं दे रही।
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योगेश की गिरफ्तारी में पुलिस के इस रवैये को देखते हुए यह कहना मुश्किल नहीं कि यूपी पुलिस योगेश को बचाने में लगी है। अब सवाल यह उठता है कि पुलिस आखिर योगेश से क्यों डर रही है,
क्यों उसके खिलाफ़ कार्रवाईकरने से बचती नज़र आ रही है? पुलिस जब इस मामले में दूसरे आरोपियों को गिरफ्तार करसकती तो फिर योगेश को क्यों ढ़ील दी जा रहीहै?
इस सब सवालों से पहले योगेश के बारे में जानना ज़रूरी है। योगेश हिंदुत्ववादी संगठन बजरंग दल का कार्यकर्ता है। बजरंग दल के बारे में मशहूर है कि यह संगठन बीजेपी के इशारे पर काम करता है। अब यह समझना मुश्किन नहीं कि योगेश अभी तक पुलिस की गिरफ्त से कैसे दूर है।
अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस को स्याना पुलिस स्टेशन के एक पुलिसकर्मी ने बताया कि योगेश को इलाके में नंबर वन उपद्रवी के रूप में जाना जाता है, लेकिन उसके खिलाफ स्याना पुलिस स्टेशन में एक भी FIR दर्ज नहीं है। लोग उसके खिलाफ शिकायत करते हैं, लेकिन पुलिस उसे नज़रअंदाज़ कर देती है।
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नाम गोपनीय रखने की शर्त पर पुलिसकर्मी ने बताया कि योगेश का नंबर थाने के हर पुलिसकर्मी के पास है, वह कभी इलाके में भड़काऊ रैलियों का आयोजन करता है तो कभी मस्जिद में होने वाली अज़ान के खिलाफ प्रदर्शन करता है और जब कोई मुद्दा नहीं बचता तो फेसबुक पोस्ट पर हंगामा करता है।
जब पुलिसकर्मी से अखबार के रिपोर्टर ने पूछा कि पुलिस योगेश से नरमी से क्यों पेश आती है तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि ‘आप जानते हैं क्यों’। पुलिसकर्मी ने यह भी बताया कि जिस किसी ने भी योगेश के खिलाफ जाने की कोशिश की तो उसका ट्रांस्फर कर दिया गया।