उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरु हो गया है। पुलिस द्वारा की जा रही इन गिरफ्तारियों में कथित तौर पर कई बेगुनाह भी गिरफ्तार किए जा रहे हैं। ऐसे ही बेगुनाहों को कानूनी मदद देने के लिए देशभर के वकील यूपी पहुंचे हैं। लेकिन अब पुलिस ने इन वकीलों को भी गिरफ्तार करना शुरु कर दिया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने शामली में प्रदर्शनकारियों को कानूनी मदद देने पहुंचे राजस्थान के 24 वर्षीय मुस्लिम अधिवक्ता मोहम्मद फैजल को गिरफ्तार किया है। फैज़ल पर लोगों को भड़काने का आरोप है। पुलिस ने फैज़ल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 145, 149, 153A और 505 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
पुलिस ने फैजल की पहचान विवादित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्य के रूप में की है, जो एक मुस्लिम संगठन है। इसके कैडर ज्यादातर केरल और कर्नाटक में मौजूद हैं।
न्यूज़ वेबसाइट द वायर के मुताबिक, शामली थाने के पुलिस अधिकारी धर्मेंद्र यादव ने बताया, “तीन अन्य लोगों के साथ फैजल हिंसा को भड़काने और आपत्तिजनक पर्चे बांटने में शामिल था। हमने सबूत के तौर पर उनके फोन से डेटा भी बरामद किया है कि वह PFI के सदस्य हैं”।
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हालांकि फैज़ल के परिजनों ने पुलिस के इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। परिजनों का कहना है कि फैज़ल का PFI से कोई संबंध नहीं है। यूपी पुलिस ने उनके खिलाफ झूठा केस दर्ज किया है।
फैज़ल के पिता मोहम्मद हनीफ ने द वायर को बताया, “फैज़ल पिछले तीन साल से वकालत कर रहे हैं, उन्हें कभी कोई परेशानी नहीं हुई। पुलिस ने उनपर झूठे मुकदमे दर्ज किए और उन्हें हिरासत में रखा, ताकि वह बेगुनाहों के लिए आवाज न उठा सकें। यह बिल्कुल बेतुका है कि पुलिस उसे PFI से जोड़ रही है”।
मोहम्मद हनीफ ने कहा, “हमने दिल्ली में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी लिखकर अनुरोध किया है कि फैज़ल की रिहाई के लिए तत्काल हस्तक्षेप किया जाए। लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है”। उन्होंने आगे कहा कि साथ ही वकीलों ने भी कैराना बार एसोसिएशन से मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
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अंसार इंदौरी ने द वायर को बताया कि “गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों की मदद के लिए देश भर के वकील यूपी पहुंच रहे हैं। फैजल राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों (एनसीएचआरओ) का एक हिस्सा हैं और उसे एनसीएचआरओ द्वारा कानूनी मदद देने के लिए यूपी जाने के लिए कहा गया था, लेकिन पुलिस ने उसे प्रदर्शनकारियों के कुछ रिश्तेदारों के साथ गिरफ्तार कर लिया, जो फैजल से मदद मांग रहे थे”। उन्होंने कहा कि पुलिस उसपर PFI के सदस्य का टैग फर्ज़ी लगा रही है।