पीएम मोदी इन दिनों देश के तमाम मुद्दों को छोड़कर कांग्रेस के उन नेताओं को याद करते नज़र आ रहे हैं जो गांधी परिवार से नहीं थे।

सरदार पटेल के बाद अब पीएम मोदी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सीताराम केसरी का राग अलापा है। उन्होंने केसरी को लेकर दावा किया है कि कांग्रेस ने उनके साथ भेदभाव किया।

पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ के महासमुंद में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “मैंने कांग्रेस को चुनौती थी कि 5 साल के लिए परिवार से बाहर किसी को पार्टी का अध्यक्ष बनाएं।

देश को पता है कि सीताराम केसरी जैसे दलित पीड़ित शोषित समाज से आए हुए व्यक्ति को पार्टी के अध्यक्ष पद से कैसे हटाया गया था। कैसे बाथरूम में बंद कर दिया गया था। कैसे दरवाजे से निकालकर उठाकर फुटपाथ पर फेंक दिया गया था और मैडम सोनिया जी को बैठा दिया था”।

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पीएम मोदी ने यह आरोप कांग्रेस के उस दावे पर पलटवार करते हुए लगाए, जिसमें कहा गया था कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश को ऐसा लोकतंत्र दिया जिसके नतीजे में एक चायवाला भी प्रधानमंत्री बन गया।

पीएम मोदी ने कहा कि जिस कांग्रेस में गांधी परिवार के सिवा किसी नेता को सम्मान नहीं मिला, वो मेरे प्रधानमंत्री बनने का क्रेडिट ले रही है।

देहांत के 18 साल बाद सीताराम येचुरी को याद किए जाने को लेकर आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है।

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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को आज बेरोज़गारों और किसानों की चिंता नहीं बल्कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय सीताराम केसरी के साथ सालों पहले हुए कथित भेदभाव की चिंता है।

अलका ने ट्वीट कर लिखा, “प्रधानमंत्री मोदीजी को आज काँग्रेस के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय सीताराम केसरीजी की चिंता हो रही है, मोदीजी को उन बेरोजगारों की चिंता नही हो रही जिन्हें नौकरी देना का वायदा किया था, मोदी जी को उन किसानों की चिंता नही हो रही जो आज भी कर्ज में हैं, मोदीजी को उनकी चिंता नही जो शहीद हो रहे हैं”।

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