अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर एक बार फिर भीड़ इकट्ठा होने लगी है। शिवसेना और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के साथ ही सत्तारूढ़ बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने मौके पर मोर्चा संभालते हुए भड़काऊ बयान देना शुरु कर दिया है।

इलाके में बढ़ती भीड़ के मद्देनज़र माहोल के बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है। सोशल मीडिया में आई ख़बरों की मानें तो अयोध्या में हिंसा फैलाने के तमाम इन्तेज़ाम भी किए जा रहे हैं।

बताया जा रहा है कि इलाके में बड़ी मात्रा में आधुनिक असलहे इकट्ठा किए जा रहे हैं। साथ ही लोगों से मंदिर निर्माण के विरोधियों को सबक सिखाने की अपील भी की जा रही है।

अयोध्या में बढ़ती भीड़ पर विपक्षी नेताओं से लेकर योगी सरकार के अपने मंत्री ओमप्रकाश राजभर तक ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में धारा 144 लगाई गई है, फिर भी इतनी बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो रहे हैं। इसका मतलब है कि प्रशासन फेल हो गया है।

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इससे पहले सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले पर चिंता ज़ाहिर करते हुए अयोध्या में सेना की तैनाती की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि बीजेपी के लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट को मामले का संज्ञान लेते हुए सेना भेजनी चाहिए।

इस मामले पर आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि चुनावी फायदे के लिए सीएम योगी अयोध्या में दंगे करवा सकते हैं।

साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि यह दंगे पीएम मोदी और अमित शाह के फरमान पर होंगे।

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अलका ने ट्वीट कर लिखा, “विपक्ष को ही नही अब तो BJP की उत्तर प्रदेश की सरकार में मंत्री राजभर को भी लगने लगा है की UP के CM अजय बिष्ट राम मंदिर के नाम पर चुनावी फ़ायदे के लिये प्रदेश में हिन्दू-मुस्लिम दंगे करवा सकते हैं… जनता ऐसे CM और सरकार से सावधान रहे। अगर दंगे हुए तो मोदी-शाह की शह पर ही होंगें”।

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