बुधवार 14 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में राफेल डील और उसके ठेके की निर्णय प्रक्रिया पर सुनवाई की। तमाम और बहस और पेशी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
इससे एक दिन पहले यानी 13 नवंबर को न्यूज एजेंसी एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश ने दसॉल्ट के सीईओ एरिक ट्रैपियर का इंटरव्यू किया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से एक दिन पहले हुए इस इंटरव्यू के वक्त और सवालों को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
तमाम वरिष्ठ पत्रकार और बुद्धिजीवियों का ये कहना है कि इंटरव्यू में स्मिता प्रकाश सिर्फ नाम के लिए वहां बैठी थीं और एरिक ट्रैपियर ‘मन की बात’ कर रहे थें। दरअसल दसॉल्ट के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने इस इंटरव्यू में जमकर मोदी सरकार का बचाव किया है।
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इंटरव्यू लगभग एकतरफा है। सवाल के नाम पर स्मिता प्रकाश एरिक ट्रैपियर को अपने ‘मन की बात’ करने का मौका प्रदान करती नजर आ रही हैं। संपादक स्मिता प्रकाश ने पूरे इंटरव्यू में एक भी ऐसा सवाल नहीं पूछा जिसका जवाब देने में दसॉल्ट के सीईओ एरिक ट्रैपियर असहज महसूस हो।
इंटरव्यू में ट्रैपियर ने राफेल डील में घोटाले के आरोपों को गलत बताते हुए दावा किया कि डील के लिए ऑफसेट पार्टनर के तौर पर अनिल अंबानी की कंपनी चुनने का फैसला उनका था। अब सवाल उठता है कि क्या कोई शख्स खुद ये बात स्वीकार कर सकता है कि उसने झूठ बोला है।
कायदे से पत्रकार अजय शुक्ला द्वारा सुझाया गया सवाल पूछना चाहिए था। रक्षा विशेषज्ञ और पत्रकार अजय शुक्ला ने ट्वीट कर कहा है कि स्मिता प्रकाश को पूछना चाहिए था…
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”क्या ये सच नहीं है कि भारत सरकार ने 2015 के आखिर में ऑफसेट पार्टनर के नियमों में बदलाव किया था ताकि जांच-परख के लिए ऑफसेट पेशकशों को जाहिर करने की आप पर जो बाध्यता थी वह खत्म हो जाए।”
Question @smitaprakash should have asked: Is it true that govt of India changed the offset rules in late 2015 to remove your obligation (which existed until then) to submit offset proposals for scrutiny and to divulge who your partners will be? https://t.co/iKEMnlQMaJ
— Ajai Shukla (@ajaishukla) November 13, 2018
बता दें कि अजय शुक्ला ने इस इंटरव्यू पर तंज कसते हुए ट्वीट किया है कि ‘प्रोपगंडा का मंत्रालय जिंदा और अच्छा है।’
Amazing. There is no interviewer in this interview. There is only an interviewee… Eric Trappier… and two props: a Rafale fighter and the Editor of ANI, @smitaprakash. Not ONE SINGLE difficult question from her. The Ministry of Propaganda is alive and well. https://t.co/zC9T1Jve95
— Ajai Shukla (@ajaishukla) November 13, 2018
वरिष्ठ पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने संपादक स्मिता प्रकाश पर सवाल उठाते हुए लिखा है ‘लानत है’। स्वाति ने ट्वीट किया है कि ‘ANI की संपादक को इतना भी नहीं पता है कि मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी दो अलग लोग हैं? और उनका व्यापार अलग है? लानत है’
Does "Editor" ANI Ms Prakash not know that Mukesh Ambani & Anil Ambani are two different people? And, have had a business separation? Lanat Hai https://t.co/9seNA4o3mk
— Swati Chaturvedi (@bainjal) November 13, 2018