आरबीआई और सीबीआई जैसी बड़ी संस्थानों से मोदी सरकार के मतभेद ख़त्म नहीं हुए थे कि अब 60 से ज्यादा अधिकारियों ने कैग को चिट्टी लिखी है।

जिसमें आरोप लगाया है कि मोदी सरकार नोटबंदी और राफेल डील की जांच से बचने के लिए उसकी जांच टालने की कोशिश कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि मोदी सरकार ऐसा इसलिए कर रही क्योंकि उसकी छवि ख़राब न हो।

चिट्टी में अधिकारीयों ने लिखा है ऑडिट की गई रिपोर्ट जारी करने में देरी करना कैग के भरोसे पर कई तरह के सवाल खड़े करेगा क्योंकि राफेल डील, नोटबंदी की ऑडिट रिपोर्ट जारी करने में अस्वाभाविक देरी की जा रही है जबकि कैग को इन रिपोर्ट्स को शीतकालीन सत्र में पटल पर रखना चाहिए।

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अधिकारियों ने चिट्टी में कहा कि कैग की राफेल पर ऑडिट रिपोर्ट सरकार की छवि बिगाड़ सकती है। जैसे यूपीए सरकार में 2जी को और आदर्श जैसे रिपोर्ट ने उनकी छवि बिगड़ी थी। इस तरह की ऑडिट रिपोर्ट पर पिछला बयान 20 महीने आया था और तब से अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

करीब 60 से अधिक रिटायर्ड अधिकारियों ने इससे पहले भी पीएम मोदी को कठुआ रेप पर मामले पर चिट्टी लिखी थी। इन रिटायर्ड अधिकारियों में जूलियो रिबेरियो, अरुणा रॉय, मीरन बोरवंकर, जवाहर सिरकार जैसे लोग शामिल हैं।

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बता दें कि इससे पहले यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार में कैग ने कई अहम खुलासे किये थे। जिसके बाद कई तरह के घोटालों की बात कही गई थी मगर मोदी सरकार में जांच की रिपोर्ट को ही टालकर जनता से सच्चाई छुपाने की कोशिश की जा रही है।

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