दिल्ली पुलिस द्वारा जेएनयू मामले में तीन साल बाद चार्जशीट दाखिल किए जाने को लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। एक तरफ़ जहां विपक्षी नेता, समाजसेवी और कई पत्रकार चार्जशीट दाखिल किए जाने की टाइमिंग को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं, वहीं सत्तारूढ़ बीजेपी इसे पुलिस की बड़ी सफ़लता बता रही है।

इसी मामले को लेकर पत्रकार आशुतोष और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना के बेटे एवं बीजेपी के प्रवक्ता हरीष खुराना के बीच ज़ुबानी जंग छिड़ गई है।

दरअसल, आशुतोष ने इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए ट्वीट किया था, “जो पुलिस देश के तथाकथित टुकड़े टुकड़े करने वालों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर करने मे तीन साल लगाये उससे आतंकवाद से लड़ने की उम्मीद कितनी करें”?

आशुतोष के इस ट्वीट पर हरीष खुराना उन्हें देशभक्ति का पाठ पढ़ाने लगे और जवाब में लिखा, “पहले तुम जैसे लोग चिलाते नहीं थकते थे की चार्जशीट क्यों नहीं हुई अभी तक। अब हो गयी है तो क्यों हो गयी, इतना टाइम क्यों लग गया।

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सच तो यही है की जेएनयू में देश के टुकड़े होगे के नारे लगे और उस वक़्त लगे जब यह सब लोग थे। ऐसी बातें करके इन जैसे लोगों का समर्थन तो मत करो”।

इसपर आशुतोष ने जवाब दिया, “बीजेपी/आरएसएस के लोग देशभक्ति की बात करते ठीक नही लगते हरीष खुराना जी। जब देश की आज़ादी के लिये करोड़ों लोग जान क़ुर्बान कर रहे थे तो आप के लोग अंग्रेज़ों के डर से घरों में दुबके थे। माफी माँग रहे थे। यही काम आपातकाल में भी किया। थोड़ा इतिहास पढ़े, सब दर्ज हैं”।

12 सौ पेज की चार्जशीट में कुल 10 लोगों को मुख्य आरोपी बनाया गया है, जिनमें जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, सैयद उमर ख़ालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य का नाम शामिल है। वहीं, इस चार्जशीट में 36 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है, जिनमें शेहला राहिश का नाम भी शामिल है। हालांकि इन 36 लोगों के खिलाफ़ पुलिस को कोई पुख़्ता सबूत नहीं मिले हैं।

चार्जशीट में मामले के गवाहों के बयान सीआरपीसी की ऐसी धारा के तहत दर्ज किए गए हैं कि बयान से पलटने पर उन्हें सज़ा मिल सकती है। गवाहों के हवाले से चार्जशीट में बताया गया है कि कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे। पुलिस को कन्हैया का भाषण देते हुए एक वीडियो भी मिला है।

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बता दें कि 9 फरवरी 2016 में जेएनयू कैंपस में अफजल गुरु की फांसी के विरोध में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाए गए थे।

इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार, उमर खालिद, और अनिबर्न भट्टाचार्य के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार भी किया था। लेकिन बाद में सभी आरोपियों को दिल्ली हाईकोर्ट से सशर्त ज़मानत मिल गई थी।

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