गुजरात के चर्चित कथित फर्जी सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर के मामलें की जांच कर चुके रजनीश राय को सस्पेंड कर दिया गया है।

एनकाउंटर के बाद आरोपियों डीजी वंजारा और दो अन्य आईपीएस अधिकारियों को गिरफ्तार करने वाले गुजरात कैडर के आईपीएस रजनीश राय को केंद्रीय गृह मंत्रालय निलंबित कर दिया, हालाकिं इससे पहले रजनीश राय ने नोट सरकार को अपना इस्तीफा दे दिया था।

दरअसल राय ने 23 अगस्त को 50 साल की उम्र पूरी करने के बाद सरकार की नीति स्‍वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) के तहत रिटायरमेंट की अप्लाई किया था।

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राय ने 15 अक्टूबर को मोदी सरकार को याद दिलाया जिसपर सरकार का कहना था कि उन्हें दृष्टिकोण से उन्‍हें मुक्‍त नहीं किया गया।

इसके बाद राय ने 30 नवंबर को गृह मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखकर साफ़ कर दिया था कि चित्तूर के आईजी का पद 30 नवंबर को ख़त्म होने के बाद उनका रिटायरमेंट मान लिया जाए।

ट्रान्सफर और झूठे आरोप झेलते रहें रजनीश

अगस्त 2014 में राय का तबादला गुजरात से बाहर झारखंड के जादुगुडा के यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया में मुख्य सतर्कता अधिकारी के तौर पर कर दिया था।

इसके बाद अप्रैल 2015 में उन्हें ट्रांसफर कर शिलांग के सीआरपीएफ ऑफिस में भेज दिया था। सोहराबुद्दीन शेख रिपोर्ट के बाद उनका ट्रांसफर चित्तूर कर दिया गया था।

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और उनके खिलाफ विभागीय गलत आचरण पर चार्जशीट दी गई थी। इसके खिलाफ उन्होंने हैदराबाद की कैट में गए थे जिसके बाद उनके खिलाफ कार्यवाही रोक दी थी।

बता दें कि 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी रजनीश राय ने सोहराबुद्दीन मुठभेड़ में 2007 में तीन आईपीएस अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। जिन अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था उनमें डी जी वंजारा, राजकुमार पांडियन, दिनेश एमएन शामिल थे।  

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