323 करोड़ 76 लाख 81 हज़ार।… ये वो भारी-भरकम रक़म है जिसे झारखंड की भाजपा सरकार ने अपने विज्ञापन के लिए आवंटित किया है। ये वही झारखंड है जहाँ इसके ज़िला सिमडेगा के गाँव कारीमाटी में पिछले साल 28 सितम्बर को 11 साल की मासूम संतोषी की मौत भूख से हो गई थी। मासूम ने ‘भात-भात’ की रट लगाते हुए दम तोड़ दिया था।
सूबे में भुखमरी, ग़रीबी चरम पर है। आरटीआई के ज़रिये सीएम रघुवर दास की छवि चमकाने के लिए विज्ञापन पर ख़र्च रुपयों की जानकारी माँगने वाले सामाजिक कार्यकर्ता ओंकार विश्वकर्मा कहते हैं- “राज्य में भूख से लोग दम तोड़ रहे हैं। उनके पास दो जून की रोटी नहीं हैं। और सरकार अपनी ब्रांडिंग करने में मस्त है। इन्हें बेपर्दा किया जाना चाहिए।“
इन सबके बावजूद अगर आप झारखंड जाएंगे तो लगेगा कि सबकुछ ठीक है। उसकी वजह ये है कि राज्य की इमारतों, गलियों, दीवारों, चौराहों आदि पर भाजपा सरकार के किये ‘कथित विकास’ की इबारत लिखते बड़े-बड़े होर्डिंग्स, पोस्टर्स और बैनर आपको देखने को मिलेंगे। जिसमें पीएम मोदी और मुख्यमंत्री रघुवार दास मुस्कुराते हुए दिख जाएंगे। मानों अच्छा पोस्टर लगवा देने से ही राज्य के अच्छे दिन आ गए हैं।
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कोडरमा के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता ओंकार विश्वकर्मा से जब हर जगह पीएम मोदी और सीएम रघुवर दास की तस्वीर वाली होर्डिंग्स देखते-देखते रहा न गया तो उन्होंने इन पर ख़र्च रक़म की जानकारी माँगने के लिए आरटीआई दाख़िल कर दी।
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जिसके बाद राज्य में विज्ञापन जारी करने वाली सूचना और जनसम्पर्क संस्था ने इसकी जानकारी दी। सरकार के अपर सेक्रेटरी रामेश्वर लेंयागी ने बताया कि, साल 2014 से 12 दिसम्बर 2018 तक सरकार ने विज्ञापन में ख़र्च करने के लिए 323 करोड़ 76 लाख 81 हज़ार रुपये आवंटित किए थे। जिसकी ज़्यादातर रक़म ख़र्च भी कर दी गई है। राज्य की भाजपा सरकार ने अपनी इसी साल 12 दिसम्बर तक अपनी छवि चमकाने के लिए 62 करोड़ 20 लाख रुपये से ज़्यादा ख़र्च किया है।