देश के दो सबसे बड़े राष्ट्रीय राजनीतिक दल बीजेपी और कांग्रेस दिल्ली में बैठे बैठे विधानसभा चुनाव टिकट की घोषणा करते है। जिसकी वजह से होता ये है की टिकट न मिलने से नेता नाराज होते है और लोग कई बार पत्र भी लिखते है।

ऐसा ही एक पत्र लिखा है राजस्थान के बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारी सादिक खान ने, जिन्होंने पत्र का शीर्षक लिखा है ‘हम किस मुंह से मुसलमानों के पास वोट मांगने जाए’।

राजस्थान के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के टिकट वितरण से खफा बीजेपी नेता सादिक खान ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है।

BJP मंत्री अनंत कुमार का ‘दाह संस्कार’ तक नहीं हुआ था और संस्कारी मोदी-योगी ‘ठहाके’ लगा रहे थे

जिसमें उन्होंने कहा कि ‘बड़े मजे की बात है कि यह सूची मेरे प्रदेश से बाहर दिल्ली स्थित मुख्यालय में बैठकर जारी की गई है। इस सूची के कर्णधार आप स्वयं और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष गुजरात से हैं।

सादिक ने राजस्थान को गुजरात और यूपी से अलग बताते हुए लिखा- सर मेरा प्रदेश गुजरात या यूपी नहीं है। यहां आज भी 36 कौमें मिल-जुलकर रहती हैं और साथ में व्यापार भी करती हैं।

आपसे निवेदन है कि प्रत्याशियों की सूची में मुस्लिम समाज को भी उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए। अभी तक एक भी मुस्लिम प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं किया गया है। आप ही बताएं कि किस मुंह से हम अपने समाज के बीच वोट मांगने जाएंगे?

BJP के ‘मंदिर वहीं बनाएंगे’ वाले जुमले को करारा जवाब, शानदार स्कूल बनाकर AAP बोली- स्कूल वहीं बनाएंगे

बीजेपी नेता ने बीजेपी के पिछले विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण के आकड़े देते हुए कहा कि पिछली बार बीजेपी ने सिर्फ चार मुस्लिम उम्मीदवारों को राजस्थान के विधानसभा चुनाव में टिकट दिए थे जिनमें से दो ने जीत हासिल की थी।

अभी फ़िलहाल पार्टी ने 131 प्रत्याशियों की पहली सूची में एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया है।

अब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पीएम मोदी जो ‘सबका साथ सबका विकास’ की बात करते है वो किसी मुस्लिम को टिकट देते है की नहीं ये देखना होगा क्योंकि अगर अल्पसंख्यक मोर्चा नेता की बात को नज़रअंदाज़ किया जाता है तो इसमें अब कोई शक नहीं रह जायेगा की ‘सबका साथ सबका विकास’ का नारा भी एक जुमला था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here