दिल्ली पुलिस ने 3 साल पुराने कथित देश विरोधी नारे लगाने के मामले में कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य समेत 10 लोगों के ख़िलाफ़ पटियाला हाउल कोर्ट में चार्जशीट फ़ाइल की है।
हर तरफ़ ये सवाल उठ रहे हैं कि, आख़िर मोदी जी के मंत्री राजनाथ सिंह के अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस को चार्जशीट दाख़िल करने में 3 साल का लम्बा वक़्त क्यों लग गया? तमाम लोगों के साथ अब समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने भी इस पर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि जितने वक़्त में वीडियो की फ़ॉरेंसिक रिपोर्ट आई है उतने वक़्त में तो कोई शख़्स फ़ॉरेंसिक साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकता है।
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घनश्याम तिवारी ने ट्वीटर पर लिखा कि-
4 साल में New India बनाने वाली मज़बूत सरकार 3 साल से एक अदने से वीडियो की फोरेंसिक जांच नहीं करा पाई ! इतने समय में फोरेंसिक साइंस में कोई पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकता है। #JNUChargesheet
4 साल में #NewIndia बनाने वाली मज़बूत सरकार 3 साल से एक अदने से वीडियो की फोरेंसिक जांच नहीं करा पाई ! इतने समय में फोरेंसिक साइंस में कोई पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकता है। #JNUChargesheet https://t.co/ACLVkQzxA4
— Ghanshyam Tiwari (@ghanshyamtiwari) January 14, 2019
ग़ौरतलब है कि दिल्ली पुलिस द्वारा दाख़िल चार्जशीट की टाइमिंग को लेकर बहुत सवाल उठ रहे रहे हैं।
कुछ लोग ये कह रहे हैं कि आख़िर पुलिस को इतना वक़्त कैसे लग गया। तो कुछ का कहना है कि मोदी जी आम चुनाव से ठीक पहले देशद्रोह बनाम देशभक्ति की बहस छेड़ना चाहते हैं।
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सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने तो चार्जशीट को ग़ैरक़ानूनी बताते हुए इसको ख़ारिज करने की बात तक कही है।