BSF के बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव (Tej Bahadur Yadav) के मामले में नया मोड़ आ गया है। दिल्ली में चुनाव आयोग ( election commission) के भेदभाव वाले बर्ताव पर खुलासा करते हुए सुप्रीम कोर्ट के वकील नितिन मेश्राम ने एक वीडियो जारी किया।
सुप्रीम कोर्ट के वकील नितिन मेश्राम ने वीडियो में बताया कि, कैसे लोकतंत्र के साथ मजाक किया जा रहा है
तेजबहादुर यादव जो इस देश का नागरिक है व पूर्व सैनिक भी है उसे कैसे अलोकतांत्रिक तरीके से चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है।
जब EC आतंकी प्रज्ञा ठाकुर को चुनाव लड़ने की अनुमति दे सकता है तो BSF जवान को क्यों नहीं?
जिसके लिए पूरा का पूरा तंत्र लगा दिया गया है। चुनाव आयोग व बीएसएफ की भूमिका संदिग्ध बताते हुए मेश्राम ने कहा कि, चुनाव आयोग भारी दवाब में था जो कि बात करने में भी घबरा रहा था।
चुनाव आयोग के अधिकारी के अलावा BSF भी एक जवान को रोकने के लिए लगा दिए गए।
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उन्होंने आगे कहा कि, चुनाव आयोग ने स्वतंत्र तरीके से काम नहीं किया। वह नरेंद्र मोदी के लिए यह सबकुछ कर रहा है। जो कि बेहद शर्मनाक और चिंतनीय है।
मेश्राम ने तेज बहादुर की लड़ाई को आगे तक लड़ने की बात भी बोली।