आज राफेल पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के निर्देश पर वायु सेना के एयर वाइस मार्शल चलपति को बुलाया गया है।

दरअसल आज राफेल डील में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच की मांग के लिए दायर की गई याचिकाओं की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में की जा रही है। इस मामले की सुनवाई करते हुए ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अटार्नी जनरल (महान्यायवादी) के के वेणुगोपाल से कहा कि इस पूरे मामले में भारतीय वायुसेना का पक्ष भी सुने जाने की आवश्यकता है।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल से पूछा कि क्या कोर्ट में एयरफोर्स का भी कोई अधिकारी मौजूद है, जो इस मामले में भारतीय वायु सेना का पक्ष रख सके। यह भारतीय वायुसेना से जुड़ा मामला है इसलिए भारतीय वायु सेना से भी कुछ सवाल पूछे जाने है।

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इस निर्देश के बाद भारतीय वायु सेना की ओर से एयर वाइस मार्शल चलपति कोर्ट में पहुंचे। इसके बाद एयर वाइस मार्शल चलपति से चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सवाल करते वायु सेना में शामिल हुए नए जंगी जहाजों के बारे में पूछा।

जिसके जवाब में एयर वाइस मार्शल चलपति ने कोर्ट को बताया कि हल ही में सुखोई-30 को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया है। साथ ही वायु सेना को 4 प्लस जनरेशन के जंगी जहाजों की जरूरत है इसी कारण राफेल को चुना गया है।

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इस पर आप नेता अलका लांबा ने ट्वीट करते हुए तंज किया कि अब सुप्रीम कोर्ट को भी अब मोदी सरकार व उनके मंत्रियों पर यकीन नही रहा।

आज राफेल डील में बड़ते विवाद की जांच हो या नहीं इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में आज चीफ जस्टिस रंजन गोगोई समेत न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसफ की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।

इस मामले में याचिकार्ताओं की प्रमुख मांग इस विवादित डील को रद्द कर डील में हुए भ्रष्टाचार की जांच कराने की है।

इस मामले में अधिवक्ता विनीत ढांडा, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह समेत पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिंहा, अरूण शौरी और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भी एक संयुक्त याचिका दायर की है। इसी बीच राफेल डील में शामिल सबसे अहम राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉ एविएशन के सीईओ द्वारा समाचार एजेंसी एएनआई को दिया गया इंटरव्यू देश में चर्चा का विषय बना हुआ है।

सीईओ एरिक ट्रैपियर ने मोदी सरकार को इस मामले में अपनी ओर से क्लीनचिट दी है और कहा है कि डील में कुछ भी गड़बड़ नहीं है। मैंने पहले जो बयान पहले दिया था वही सच है। मेरी झूठ बोलने की छवि नहीं है। सीईओ के रूप में मेरी स्थिति में आप झूठ नहीं बोल सकते हैं।

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दरअसल राफेल डील पर कांग्रेस और विपक्ष कई दिनों से सवाल उठा रहें है। मोदी सरकार पर विपक्षियों ने आरोप लगाया है कि हर विमान को करीब 1670 करोड़ रुपये खरीद रही है जबकि यूपीए सरकार ने 126 राफेल विमानों की खरीद के लिए बातचीत कर रही थी उसने इसे 526 करोड़ में अंतिम रूप दिया था।

साथ ही समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में सीईओ एरिक ट्रैपियर द्वारा मोदी सरकार को क्लीनचिट दिए जाने के बाद कांग्रेस की तरफ से प्रवक्ता रनदीप सिंह सुरजेवाला ने डसॉ पर आरोप लगाते हुए कहा कि इंटरव्यू फिक्सड है, बनावटी झूठ से सच नहीं दब जाता फ़ायदा लेने वाला और आरोपी- जज कैसे हो सकते हैं?

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